मेरा नाम सोनम है और मेरी उम्र 18 वर्ष है। मै अपने पापा के साथ शहर रहती थी पढ़ाई करने के लिए। मेरे पिताजी एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे।
मेरे कॉलेज की छुटिया शुरू हो गयी थी और मै घर पर ही रहती थी पुरे दिन। पिताजी सुबह जॉब पर चले जाते थे और शाम को आते थे और मै दिन भर घर पर बोर होती थी , अकेले लड़की कितना टीवी देखेगी। मैंने पापा से कहा भी की मुझे गांव छोड़ दो तो वो बोले की कंपनी में काम बहुत है छुट्टी नहीं मिलेगी एक महीने तक। मै ऐसे ही दो दिन बोरियत में काटे। फिर तीसरे दिन मेरे चचेरे चाचा गांव से हमारे यहाँ शहर में जॉब ढूंढने आये थे , पापा ने उन्हें हमारे यहाँ रुकने के लिए बोल दिया था। उनका नाम मनोज था उनकी उम्र ३० साल की थी, वो अभी भी कुंवारे ही थे।
वो जब आये तो पापा ने उन्हें पुरे शहर के बारे में समझाया और अपने कुछ जान पहचान के दोस्तों से उन्हें मिलवाया जो उनकी जॉब ढूंढने में मदद कर सकते थे।
वैसे मनोज अंकल हेंडसम थे और बॉडी भी मस्त थी उनकी शायद जिम वगैरा करते होंगे।
वो जब मुझसे पहली बार मिले तो उन्होंने मुझे गले लगाया वो भी इतना कसके की मेरी चूचिया पूरी तरह से उनकी छाती से चिपक कर दब रही थी और उनका खड़ा लण्ड मेरे पेट में भाले की तरह चुभ रहा था। जब उन्होंने मुझे छोड़ा तो सिर्फ इतना ही बोले ” सोनम तुम बड़ी हो गयी हो ”
मैंने भी उन्हें स्माइल दी
मनोज अंकल के आने के बाद से जब पापा जॉब पर जाते थे, तो मैं उनसे गप्पे मार कर टाइम पास करती थी. अंकल जी बहुत फ्रैंक है, मैं भी उनसे बहुत घुलमिल गई थी. वह अक्सर पापा के जाने के बाद मेरे कमरे में आकर मेरे बेड पर मेरे साथ बैठ कर बातें करते थे. वह चोरी चुपके से मेरी गांड और चूचियों को हवस की नजरों से देखते थे.