ये कहानी 44 साल की तलाक़ शुदा औरत प्रीति सहगल की है उसकी
ज़ुबानी:-
में मनाली के एक पेंटहाउस में अपनी बहू रश्मि के साथ 69 की
पोज़िशन में एक दूसरे की छूट छत रहे हैं. साथ ही साथ हमारी
गांद की चुदाई भी हो रही है. रश्मि की गांद मेरा बेटा राज मार
रहा है मेरी गांद मेरे बेटे का खास दोस्त रवि मार रहा है. इसके
पहले की में इसके आयेज कुछ काहु में आप सब को ये बताना चाहती
हूँ की हम यहाँ तक कैसे पहुँचे.
में एक तलाक़ शुदा औरत हूँ जिसने बड़ी मुश्किल से अपने पति से
अपने जीने का हक़ छीना है. मुझे तलाक़ के बाद एक चार कमरों का
फ्लॅट, एक गाड़ी और अची ख़ासी नकद रकम मिली जो हमारे गुज़रे के
लिए काफ़ी थी.
मेरा बेटा अपनी ग्रॅजुयेशन कर चक्का था और अगले महीने शादी करना
चाहता था. मेरा बेटा राज 22 साल की उमर और देखने में बहोट ही
सनडर था, 6″ फ्ट की हाइट, भूरी आँखें और उसका बदन देखने
काबिल था. उसका सबसे खास और प्यारा दोस्त रवि की 6.01 फ्ट थी और
बहोट ही ताकतवर था. रवि भी 22 साल का था और उसकी आँखों भी
भूरी थी मेरे बेटे की तरह.
मेरा बेटा अपनी प्रेमिका रश्मि से शादी करना चाहता था, जो मुझे
बिल्कुल भी पसंद नही थी, लेकिन माइयन अपने बेट एके आगे मजबूर थी.
ना जाने क्यों मुझे हमेशा यही लगता था की वो मेरे बेट एके पैसों
के पीछे है.
वैसे रश्मि देखने माइयन काफ़ी सनडर थी, हिएत् 5.07, पतला बदन,
पतली कमर उसका फिगर 36-24-36 था. उसे मिनी स्कर्ट्स और इस तरह
के कपड़े पहनने का बड़ा शुक था. मेने अक्सर उसकी मिनी स्कर्ट में
से उसकी छूट के बाहर झँकते देखे थे.
मेरा भी फिगर कुछ कम नही था, 44 साल की उमर में भी मेने
अपने शरीर को संभाल कर रखा था. 35.25.36 मेरा फिगर था. माइयन
रोज़ दो घंटे स्विम्मिंग करती थी जिससे मेरा शरीर शेप में रह
सकूँ.
राज और रश्मि अगले महीने शादी करना चाहते थे इसलिए हुँने
शॉपिंग भी बहुत कीट ही. वो अपने हनिमून पर मनाली जाना चाहते
थे. एक दिन में शॉपिंग करने के लिए घर से निकली पर मुझे याद
आया की में कुछ समान घर में भूल गयी हूँ.
जैसे ही में घर में दाखिल हुई मुझे राज और रवि की आवाज़े सुनाई
दी. माइयन एक बेडरूम की और बढ़ी और उनकी आवाज़े सुनने की कोशिश
करने लगी. इतने में मेने रवि की आवाज़ सुनी,
“हन मेरे लंड को इसी तरह चूसो, बड़ा मज़ा आ रहा है.”
मेने कमरे में झाँक कर देखा, रवि बेड के किनारे पर बैठा हुआ
था और मेरा बेटा घुटनो के बाल बैठ कर रवि के लंड को चूस रहा
था. मुझे विश्वास नही हो रहा था की मेरा बेटा जिसकी शादी एक
महीने मे होने वाली थी वो अपने दोस्त का लंड चूस रहा था.
“राज तुम तो यार रश्मि से भी अछा लंड चूस्टे हो?” रवि ने कहा.
में जो सुन रही थी उसपर मुझे विश्वास नही हो रहा था क्या रश्मि
और राज दोनो रवि के लंड के चूस्टे थे.
“मेरा पानी छूटने वाला है राज!” रवि बोला.
“आज तुम तुम्हारा पानी मेरे मूह पेर छोड़ो,” कहकर राज ने रवि के
लंड को अपने मूह मे से निकल दिया.
में रवि के लंड को देख कर चौंक गयी, मुझे अंदाज़ा तो था की
उसका लंड मोटा और लंबा है लेकिन आज रूबरू देख कर माइयन चौंक
गयी. उसका लंड करीब 10″ इंच लंबा और 4″ इंच मोटा था. राज भी
उसके लंड को अपने हाथों में नही ले पा रहा था.
राज उसके लंड को हिला रहा था और साथ ही चूस्टे जर आहा था,
अचानक ही रवि के लंड ने अपना पानी छोड़ दिया. मेने आज तक किसी
को इस तरह पानिन छोड़ते नही देखा था. रवि ने कम से कम 7 बार
पिचकारी छोड़ी होगी. राज ने उसके लंड को चूस कर एक दम निढाल कर
दिया था.
“आज तक मेने किसी लंड को इतना पानी छोड़ते हुए नही देखा.” राज
बोला.
“तुम्हे क्या अछा लगता है मेरा पानी छोड़ने का तरीका या तुम्हारे मूह
में झड़ना.” रवि ने पूछा.
“इस सवाल का जवाब देना बहोट कठिन है, जब तुम्हारा लॉडा हवा
में पानी फैंकता है तो भी अक्चा लगता है और जब वो मेरे मूह
में पिचकरी छोड़ता है तो ऐसा लगता है की मेरे गले की सारी
प्यास बुझ गयी है.” राज ने रवि के लंड को और जोरों से चूस्टे
हुए कहा.
“क्या तुम मेरी गांद मरने को तय्यार हो? मुझे सही में तुम्हारा
लॉडा अपनी गांद में चाहिए,” मेरे बेटे ने रवि से पूछा
में यही सोच रही थी की मेरा बेटा इतना बद्ड लॉडा अपनी गांद में
कैसे लगा, वहीं रवि ने क्रीम की शीशी निकल अपने लॉड पर अवाम
मेरे बेटे की गांद पर माल दी.
मेरा बेटा दरवाज़े के हॅंडल को पकड़ झुक गया और रवि ने अपना
खंबे जैसा लॉडा उसकी गांद में घुसेड दिया.
रवि पहले तो धीरे धीरे गांद मरता रहा फिर जैसे ही उसने रॅफटर
पकड़ी मुझे विश्वास नही हुआ की मेरा बेटा इतना मोटा और लमनबा लंड
झेल सकता है.
रवि पहले तो धीरे धीरे राज की गांद मार रहा था फिर उसने रॅफटर
पकड़ ली. मुझे विश्वास नही हो रहा था की मेरा बेटा इतना मोटा लंड
अपनी गांद में झेल लेगा.
“हाआआं ज़ोर सीईई मेरी गाआआंद मरूऊओ, पुर्र्ररा घुसााअ दो”
राज ज़ोर ज़ोर से रवि से कह रहा था.
“तुम्हारी गांद बहोट अची है. सही में मुझे उतना ही मज़ा आ रहा
जितना मुझे रश्मि की गांद मरने में आता है.” रवि ने अपने
धक्कों की रॅफटर बढ़ते हुए कहा.
“क्या तुम चाहते हो की आज में तुम्हारी गांद का कचूमर बना डू,”
रवि ने तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए कहा.
“हन आज ज़ोर से मेरी गांद मरो चाहे मेरी गांद फॅट ही क्यों ना
जाए.” मेरा बेटा गिड़गिदते हुए रवि से बोला.
रवि ने अपना लंड तोड़ा सा बाहर खींचा और ज़ोर से राज की गांद
में पेल दिया.
“हन फाड़ दो मेरी गांद दो, छोड़ दो अपना पानी मेरी गांद में.”
कहकर राज अपने लंड पर मूठ मरने लगा.
“तुम्हारी गांद सही में बड़ी जानदार है, मुझे तुम्हारी गांद मरने
में उतना ही मज़ा आ रहा है जितना मुझे रश्मि की गांद मरने में
आता है,” कहकर और ज़ोर से उसने अपना लंड अंदर पेरल दिया.
रवि ने अपनी रॅफटर तेज कर दी, और वो ज़ोर ज़ोर से अपना लंड राज की
गांद के अंदर बाहर कर रहा था, “ले मेरा पूरा लंड ले ले मेरा
छूटने वाला है.” कहकर रवि ने अपना पानी राज की गांद में छोड़
दिया.
रवि रुकने का नाम नही लाए रहा था. उसका लंड अब्भी भी राज की
गांद के अंदर बाहर हो रहा था, में पहली बार किसी को इतनी ताक़त
से और ज़ोर से छोड़ते देख रही थी.
“आज में तुम्हारी गांद की धज्जियाँ उड़ा दूँगा,” रवि और तेज़ी से
गांद मरते हुए बोला.
“हाआआं फ़ाआआद दो मेर्रर्र्ररी गाआाअंड को.” राज उसका साथ देते
हुए बोला.
रवि का लंड तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था. उसके चेहरे के
और ज़ोर ज़ोर से लंड पेल रहा था. दोनो की साँसे फूली हुई थी.
“ये मेरााआ छूटा” कहकर रवि ने वीर्या राज की गांद में उंड़ेल “हााआआं मुझे महसूस हो रहााआअ है, छोद्दद्ड दो सारा पानी इनकी चुदाई देख में डांग रह गयी थी. में सोच रही थी क्या शाम को में शॉपिंग के लिए घर से निकली, मेरे ख़यालों में अभी दो दिन बाद में कम पर से घर लौटी तो मुझे राज के कमरे से “अब मेरी बरी है.” कहकर राज ने रश्मि से रवि का लंड लिया और रश्मि बिस्तर के नीचे उतार राज के लंड को अपने मूह में ले चूसने में असचर्या चकित थी की मेरा बेटा और उसकी होने वाली बीवी दोनो राज और रश्मि दोनो लंड को तब तक चूस्टे रहे जब तक रवि और रवि ने फिर रश्मि को बिस्तर के किनारे पर बिता उसकी टाँगे फैला “हाआआं चााआआतो और्र्र्ररर ज़ोर से चूवसो हाआआऐं यहीयईिन.” |
लगता था की रवि इस खेल का पुराना खिलाड़ी था उसे आचसी तरह
मालूम था उसे क्या करना है, वो ज़ोर से अपनी जीव रस्मी की छूट में घुसा अपने होठों से पूरी छूट को मूह में ले लेता. वो ज़ोर ज़ोर से तब तक रश्मि की छूट छत रहा था जब तक रश्मि की छूट नही छोड़ दिया और वो तक कर उसे रुकने को कहने लगी, “प्लीज़ रुक जाओ बसस्स्स्सस्स और नही में और सहन नही कर सकती.” में अगले चार घंटे तक इस चुदाई का नज़ारा देखती रही. चारों थोड़ी देर सुसताने के बाद रवि का लंड फिर टन कर खड़ा हो गया रवि का पूरा लंड रश्मि की छूट में घुस चक्का था. उसने रवि के “हाआाआआं ओह य्ाआआआआआ आईसस्स्स्स्सीईई ही.” इतने में राज रश्मि के पीछे आ गया और उसे तोड़ा नीचे झुका उसकी राज थोड़ी वॅसलीन ले अपने लंड और उसकी गांद पे लगा दिया, और मेने आने वेल दीनो में कई बार रश्मि, राज और रवि को एक साथ ऐसा लगता था की तीनो को सेक्स के अलावा कुछ सुझाई ही नही देता था. एक दिन जब वो तीनो चुदाई मे मशगूल थे में हर बार की तरह उन्हे |
सोचते हुए में वापस अपने कमरे मे आ गयी.
कुछ दिन गुज़र गये पर रवि ने किसी से कुछ नही कहा. में समझी शनिवार के दिन राज और रश्मि ने अपने कुछ दोस्तों के साथ पिक्निक मेने अपने सारे कपड़े उत्तर दिए और नंगी हो गयी. एक रोमॅंटिक मेने तुरंत अपना हाथ अपने नाइट गाउन की तरफ बढ़ाया पर रवि ने “तुम यहाँ क्या कर रहे हो? तुम तो राज के साथ पिक्निक पर जाने वेल “पता नही क्यों मेरा मान नही किया उनके साथ जाने को. उस दिन के बाद “ज़रूर ऐतराज़ है. आज में आकेयलए रहना चाहती हूँ. अब तुम यहाँ से रवि ज़ोर से हँसने लगा और अपने कपड़े उत्तर दिए, “में थोड़ी देर में उसके व्यवहार को लेकर चिंतित हो उठी. जब उसने कपड़े उत्तरने “इसमे इतनी हैरानी की क्या बात है. तुम मुझे इससे पहले भी नंगा उसे पता था की में उन लोगो को चुप कर देख चुकी हूँ और में साइड टेबल पर पड़ी तेल की शीशी को देख कर वो बोला, “प्रीति |
तुम्हारे चुतताड वाकई बहोट शानदार है और तुम्हारा फिगर. लाओ में
तोड़ा तेल लगा कर तुम्हारी मालिश कर देता हूँ.” मेने महसुस्न किया को वो मेरे कंधों पर और पीठ पर तेल दल रहा मेरे कंधों और पीठ पर से होते हुए उसके हाथ मेरी पतली कमर पर रवि काफ़ी देर तक यूँही मेरी मालिश करता रहा. गांद की मालिश फिर उसने मुझे कंधे से पकड़ा और पीठ के बाल लिटा दिया. इससे रवि मेरे निचले होठों को चूस्टे हुए मेरी थोड़ी फिर मेरी गर्दन अपनी जीब को होल होल मेरे नंगे बदन पर फिरते हुए नीचे की और रवि मेरी आँखों में झँकते हुए कहा, “तुम्हारी चुचियों बड़ी में उसके छूने मात्रा से झड़ने के कगार पर थी. रवि ने मुझे वो मेरी चुचियों को चूसे जेया रहा था और दूसरे हाथ से मेरी |
मेने उसे अपनी बाहों में जकड़ते हुए कहा, “रवि प्लीज़ प्लीज़…..”
“प्लीज़ क्या प्रीति बोलो ना? तुम क्या चाहती हो मुझसे? क्या तुम झड़ना “हन रवि मेरा पानी चूड़ा दो, में झड़ना चाहती हूँ.” मेने जैसे उसने मेरी दोनो चुचियों को साथ साथ पकड़ कर मेरे दोनो निपल को जैसे ही उसका हाथ मेरी छूट पर पहुँचा उसने अपनी उंगली मेरी गीली रवि फिर मेरी टॅंगो के बीच आ गया और मेरी छूट को अपने मुँह मे उसके इस हरकत ने मेरी टॅंगो का तनाव बढ़ा दिया और एक पिचकारी की रवि ने आक्ची तरह मेरी छूट को छत कर साफ किया और फिर खड़े “देखा तुम्हारी छूट के पानी का स्वाद कितना अक्चा है. और तुम्हारी “हन राज मेरी छूट उत्तेजना में फूल जाती है और पानी भी इसी “में समझ सकता हूँ. अब में तुम्हे आराम से प्यार करना चाहता हूँ रवि उठ कर खड़ा हो गया और उसका लंड और टन कर खड़ा हो गया. |
उसने मुझे धीरे से सोफे पर लिटा दिया. में आराम से लेट गयी और
अपनी टाँगे फैला दी. उसने अपने लंड को मेरी छूट के मुँह पर रखा और धीरे से अंदर घुसा दिया. मेने कस कर रवि को अपनी बाहों में जाकड़ लिया था. उसके लंड की रवि धीरे से अपने लंड को बाहर खींचता और फिर अंदर घुसा देता. रवि ने मेरी आँखों मे झाँका और पूछा, “प्रीति तुम ठीक तो हो मेरे मुँह से आवाज़ नही निकली, मेने सिर्फ़ गर्दन हिला कर उसे हन “पल्ल्ल्ल्ल्लेआआअसए अब मुज्ज़ज्ज्ज्ज्झे चूऊओदो.” मेने धीरे से उससे रवि ने मुस्कुराते हुए अपने कूल्हे हिलने शुरू कर दिए. पहले तो वो उसका हर धक्का पहले धक्के ज़्यादा ताकतवर था. उसकी साँसे तेज हो “चूऊऊदो राआआआवी आईसस्स्स्स्स्ससे ही हााआअँ ओह मेरााा “हाआआं प्रीईएटी चूऊऊद डूऊऊ अपनााआ पाणिीईई मेरे रवि मुझे जितनी ताक़त से छोड़ सकता था छोड़ रहा था और मेरी |
“ओह प्रीईईटी मेरााआआआ भी चूऊऊथा ओह ये
लो.” रवि ने एक आखरी ढकाया लगाया और अपना वीर्या मेरी छूट मे छोड़ दिया. पिचकारी पिचकारी मेरी छूट मे गिर रही थी. जैसे ही हम संभले “चलो नहा लेते है.” रवि ने मुझे चूमते हुए कहा. अब मुझे अपने किए हुए पर शरम नही आ रही थी. में नंगी ही में उसके मस्ताने लंड को हाथों मे पकड़े सहला रही थी. मुझमे भी रवि भी अपने आपको रोक नही पाया उसने मुझे बातरूम की दीवार के उसके हर धक्के के साथ मेरी पीठ दीवार मे धँस जाती. में अपने हम दोनो एक दूसरे को बाहों मे लिए शवर के नीचे थोड़ी देर खड़े पूरा दिन हमे मज़े करते रहे. कभी हम टीवी देखते तो कभी एक दूसरे दूसरे दिन मे सो कर उठी तो मान में एक अजीब सी खुशी और शरीर मे |