मेरा नाम स्वरा हैं। मै असम की रहने वाली हूँ। मै बहुत ही खूबसूरत और लाजबाब माल हूँ। मेरी उम्र 28 साल है। मेरे को देखने के बाद हर लड़का बस मेरे पीछे ही पड़ जाता हैं। मेरे को चुदने में बहुत मजा आता है। मेरे मम्मे बहुत ही सख्त है। वो देखने में बहुत ही आकर्षक और लाजवाब लगते हैं। ज्यादातर तो सब मेरे चूचे को ही दबाने का इंतजार करते हैं। कॉलेज के लड़के जो मेरे बॉयफ्रेंड हैं वो अक्सर मेरे चूचे को दबा देते हैं। मै भी बॉथरूम में दबा दबा कर खूब मजे लेती हूँ। बॉथरूम में अपने मम्मो के साथ घंटो तक खेला करती हूँ। घर में मै और मेरे पापा रहते थे। जब मैं छोटी थी तभी मेरी माँ चल बसी थी। मै अपने पापा के साथ बचपन से ही रह रही थी। ये बात तीन साल पहले की हैं। जब मै 23 साल की थी। संगमरमर के जैसी बदन पर निखार था। मक्खन की तरह मेरी मुलायम चूंचिया बहुत ही लाजबाब थी।
पापा भी मेरी जवानी का मजा लूटना चाहते थे। उनका लंड भी मेरे को देखकर खड़ा हो जाता था। मै उनसे शर्म भी नहीं करती थीं। मेरे को वो बचपन से ही नंगा देखते हुए आ रहे थे। कभी कभी मै पापा के सामने ब्रा में भी घूम लेती थी। पापा का तो उस समय मौसम बन जाता था। लेकिन वो कुछ कर नहीं पाते थे। पापा मेरे को पकड़ लेते और खुद से चिपका लिया करते थे। जिससे मेरे को छूने का थोड़ा बहुत आनंद उन्हें भी प्राप्त हो जाता था। मै भी उन्हें अक्सर अंडरवियर में ही देखती थी। एक बार पापा अंडरवियर में ही बैठे थे। उन्होंने उसके सिवा और कुछ नहीं पहना था। मै उनके बगल से गुजर रही थी। तभी पापा ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे को चिपकाने लगे। मै भी हमेशा की तरह उनकी गोद में बैठ गयी। मेरे को अपने गांड में कुछ चुभता हुआ महसूस हुआ।
पापा अपना लंड खड़ा किये हुए थे। जब मैं कुछ देर बाद उनकी गोद से उठी तो देखा पापा का लंड खम्भे की तरह अंडरवियर में खड़ा था। मै बहुत ही उत्तेजित थी उसे देखने को लेकिन कुछ देर बाद पापा भी वहाँ से चले गए। मेरे को उस समय यही नहीं पता था कि सुहागरात क्या होती है, मै उसके रीसर्च के लिए अपने फोन पर टाइप करके सुहागरात की सीन को देखने लगी। मेरा भी मौसम देखते ही बन गया। चुदाई का सीन आँखों सामने आते ही मैं भी चुदने को बेकरार होने लगी। फ़रवरी का महीना था। उसी महीने में पापा की शादी हुई थी। वो अपने शादी की सालगिरह वाले दिन मेरे को बताते थे। मम्मी के ना होने का गम जताते थे। फिर भी वो मेरे को होटल ले जाते और पार्टी देते थे। वो मेरे लिए इतना कुछ करते थे। लेकिन मैंने भी उन्हें कुछ देने के बारे में सोचा।
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मै सालगिरह वाले दिन पापा को अपनी चूत को गिफ्ट के रूप में पेश करना चाहती थी। लेकिन मन ही मन मै डर भी रही थी। आखिरकार पापा के सालगिरह वाला दिन आ ही गया। वो हर बार की तरह उस दिन भी मेरे को पार्टी देने के लिए बाहर होटल ले गए। पापा ने रात को आकर अपना कपड़ा चेंज किया। मैंने उस दिन अपने लिए उनके साथ जाकर खूब ढेर सारी शॉपिंग की थी। उस दिन मैंने नेट वाली नाइटी भी ली थी। काले रंग के कपडे मेंरे को बहुत ही पसंद हैं। मेरे को वो बहुत पसंद आया। असल में वो मेरे पापा ने ही मेरे लिए पसंद किए हुए थे। मै रात को सोने से पहले एक बार कॉफी जरूर पीती थीं। पापा भी कभी कभी मेरे को कंपनी दे देते थे। मैने कॉफी बनाया। पापा को भी पीने के लिए पूछा
“पापा आप भी मेरे साथ कॉफी पिएंगे” मैंने पूछा
“चल बेटा जिसके साथ आज रात गुजारनी थीं। वो तो कब की छोड़ गयी। अब तो सिर्फ तन्हाई ही है” पाप ने बहुत दुखी स्वर में कहा
पापा मेरे पास आकर चिपक गए। उस दिन मैने उनके दिए हुए गिफ्ट को ही पहना था। पापा मेरे नाइटी के नेट पर ही नजर टिकाये हुए थे।
“जच रही हो! तुम तो इस नाइटी में कुछ ज्यादा ही हॉट और सेक्सी लग रही हो” पापा मेरी तारीफों पर तारीफ़ किये हुए जा रहे थे
पापा बहके जा रहे थे। धीरे धीरे उनका चिपकना कुछ अजीब सा रंग लाने लगा। वो मेरे को चिपकाते हुए सहलाने लगे। मेरे दूध को छूते हुये।
“तू आज अपनी माँ की तरह लग रही है। तेरे बूब्स भी काफी बड़े बड़े हो गए हैं” पापा ने कहा
“पापा मै इनके साथ रोज खेलती हूँ। बहुत मजा आता है मेरे को!!” मैंने कहा
“ला मेरी प्यारी बच्ची आज तेरे बूब्स को जी भर के प्यार कर लेता हूँ” पापा ने कहा
“नहीं पापा ना छूना नहीं तो कुछ कुछ होने लगता है” मैंने कहा
“तेरी माँ की तरह तू भी निकली.उसके भी बूब्स को हाथ लगाते ही गर्म होने लगती थी!! तेरे को भी चुदने का मन करने लगता होगा??” पापा ने पूछा
मैने अपना सर हिलाकर जबाब दिया। पापा मेरे को चोद कर मजा लूटने को व्याकुल से होने लगे। उनका हाथ मेरे बदन को नोच रहा था। उनकी आँखों में हवस की झलक नजर आ रही थी। पापा ने मेरे कंधे पर अपना हाथ रखकर दबा दिया। मै सिमट गयी। पापा ने मेरे को अपने गले से चिपका लिया। कुछ देर तक तो वो शांत रहे फोर अचानक से उठकर चलने लगे।
“चल बेटा आज तू मेरे साथ बिस्तर पर लेट जा! हम दोनों खूब मजा करेंगे” पापा ने कहा
पापा को क्या पता था कि आग इधर भी लगी है। पापा के बिस्तर पर जाकर मै लेट गयी। उन्होंने दरवाजा बंद किया। उसके बाद बिस्तर पर आकर मेरे को चिपकाकर मेरे बगल ही लेट गए। उनके शरीर के टच होते ही मैं आग की तरह गर्म होने लगी। चूत में तो जैसे ज्वालामुखी भड़क गयी हो। पापा ने मेरे ऊपर बिना कुछ कहे अपना पैर रखकर चढ़ लिए। साँड़ की तरह वो मेरे ऊपर चढ़े हुए थे। उनके भारी शरीर से मेरा बदन दर्द होने लगा।
“पापा नीचे उतरो नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी” मैंने कहा
“बेटा मजा लेना है तो थोड़ा दर्द तो झेलना ही पड़ेगा” पापा ने कहा
इतना कहकर वो मेरे गले को किस करने लगे। हर बार पापा एक सिंपल किस करते थे। लेकिन वो मेरे को फ्रेंच किस करते हुए मेरी होंठो की प्यास को बुझा रहे थे। मेरी होंठो को ऊपर नीचे करके बारी बारी से पी रहे थे। अब पापा पूरे मूड में आ गए। एक गहरा चुम्बन मेरे लबों पर जड़ा। मुझे बहुत मज़ा आया। अपनी चूत की आग में वशीभूत होकर
“पापाजी, मुझे कली से फ़ूल बना दो, कमसिन लड़की से औरत बना दो, मैं तड़प रही हूँ अपनी काम वासना में!” मैंने कहा
“घबरा मत मेरी बेटी आज तेरे पापा तेरी वो चुदाई करेंगे कि तू आकाश में उड़ने लगेगी और मैं इतने दिनों से आज के दिन की ही तो राह देख रहा था। आज तेरे बदन से मैं अपने लंड की प्यास बुझाऊँगा” पापा ने कहा
पापा ने आदेश दिया चल बेटी अब अपने पापा के कपड़े उतार कर नंगा कर दे। मैंने वैसा ही किया। उनके सारे कपडे उतारने लगी। कुछ ही देर में ने पापा के पूरे कपड़े उतार दिए। उनके अंडरवियर को छोड़ कर। उनके कहने पर मैंने अपने भी सारे कपडे को निकाल दिया। अब मै पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। पापा मेरे को घूरते हुए देखने लगे। पापा ने पहले मुझे अपने गले लगाया और कहा “यार स्वरा तू तो बहुत मजेदार चीज हो गई है”