राजू मेरा दोस्त है. राजू की उम्र लगभग 26 साल है. उसकी दो बहने हैं. सीता और गीता.
सीता की उम्र लगभग 16 साल और गीता की तेरह साल है. ये कहानी मुझे सीता ने बताया.हुआ यों कि एक बार राजू अपनी कार से गीता को लेकर बाज़ार गया . बाज़ार में उन्होने गीता की क्लास में पढ़ने वाले लड़के को कार चलाते देखा, ये देख कर गीता कार चलाना सीखने के लिए राजू से ज़िद करने लगी. राजू ने बहुत समझाया कि कुच्छ दिन के बाद सिखा दूँगा पर वो नही मानी. तब राजू ने उसे कहा कि ठीक है सुबह एकदम सबेरे जब रोड पर कम लोग रहतें हैं, मैं मैदान में लेजा कर सिखा दूँगा.
दूसरे दिन राजू गीता को लेकर फील्ड में गया.बहुत कोशिश करने पर भी गीता से कार का स्टारिंग नही सम्भल पाया. जब वो स्टारिंग ठीक संभालती तो आक्सेलेटर छूट जाता, जब अक्सीलेटर संभालती तो स्टारिंग छूट जाता. तब राजू ने गीता को गोद में बिठा कर स्टारिंग खुद पकड़ा और गीता को सिर्फ़ ब्रेक और अक्सीलेटर संभालने को कहा. वो बोली नही मैं खुद ही दोनो संभालूंगी जब ग़लती हो तो स्टारिंग तुम पकड़ लेना.
इस तरह वो कार आगे बढ़ाई. कुच्छ दूर तो ठीक चली पर जब मुड़ने की बारी आई तो वो अक्सीलेटर कम करने की जगह छोड़ ही दी और अचानक फिर अक्सीलेटर पर दब गया जिससे कार को जोरदार झटका लगा, और राजू ने जल्दी से गीता को पकड़ा ताकि वो स्टारिंग से टकरा ना जाए और ब्रेक दबा दिया . गाड़ी रुक गई. पर राजू के हाथ में काफ़ी चोट लगी क्योंकि राजू का हाथ स्टारिंग से टकरा गया था. तब राजू का ध्यान गया कि वो गीता की दोनो छ्होटी-छ्होटी चूचियों को जाकड़ रखा है.राजू ने झट से अपना हाथ हटाया. गीता भी झेंप गयी . फिर राजू ने कहा अभी तो तुम स्टारिंग से टकरा जाती और तुम्हारे सीने में चोट लग जाती? देखो अभी तक मेरे हाथ में दर्द हो रहा है.वो बोली थॅंक यू भैया जो तुमने मुझे चोट लगने से बचा लिया,पर तुमने भी कितनी ज़ोर से पकड़ा कि मुझे भी दर्द होने लगा. राजू ने पुछा कहाँ? वो बोली सीने में. इसपर राजू अपनी दोनो हथेलियों से गीता की दोनो चूचियों को सहलाते हुए पुछा यहाँ? वो बोली धत भैया ये क्या करते हो, कोई देखेगा तो? राजू ने कहा कार में काला शीशा है किसी को नही दिखेगा. यह कह कर राजू उसकी दोनो चूचियों को मसल्ने लगा और गालों पर किस करने लगा. गीता को भी मज़ा आने लगा था, वो भी मज़े लेने लगी, और सिर राजू की तरफ घुमा लिया जिससे राजू उसके होंठ पर होंठ रख दिया.
राजू लंड खड़ा हो चुका था और गीता की गांद में गढ़ रहा था. राजू बेकाबू हो रहा था , उसने एक चूची छोड़ कर गीता की चूत को उपर से ही सहलाने लगा और गीता की शलवार का नारा खोल दिया.फिर उसने अपना हाथ गीता की पैंटी में घुसा दिया और चूत सहलाने लगा.गीता भी गरम हो चुकी थी,उसके मुँह से सिसकारी निकलने लगी. राजू ने उसकी शलवार को और पैंटी को नीचे सरका दिया और अपने पैंट की चैन खोल कर लंड बाहर निकाल लिया. इतने में गीता ने कहा भैया सड़क पर लोग आने-जाने लगे हैं, अब छोड़ दीजिए. राजू ने कहा ठीक है पर अब हम लोग इसी तारह घर तक जाएँगे. वो मान गयी.
इस तरह वो दोनो घर पहुँचे और कार से निकलने से पहले खुद को ठीक किया.
घर पहुँच कर दोनो ने नहा धो कर नाश्ता किया और गीता स्कूल चली गयी. रात को खाने की मेज़ पर गीता ने कहा– भैया आज तुम मेरे मैथ के कुच्छ सवाल को हल कर दो, कल मुझे स्कूल में दिखाना है.
राजू बोला — मैं अभी कुछ नही करूँगा मुझे कंप्यूटर पर काम है और जब तक मेरा काम ख़त्म होगा तुम सो जाओगी.
गीता बोली —नही सोउंगी,आज मैं भी देखूँगी तुम क्या काम करते हो और जब ख़त्म हो जायगा तब सवाल बता देना.
राजू बोला– मेरे कमरे में आने की ज़रूरत नही है सुबह बता दूँगा.
गीता बोली –नही अभी बता दो.
इसपर राजू की मम्मी ने कहा बता दो राजू , तुम काम भी करते रहना और इसे बीच-बीच में मदद भी करना.
राजू बोला ठीक है मेरे कमरे में आ जाओ. और राजू अपने कमरे में चला गया.
रात करीब 10 बजे गीता राजू के कमरे में गयी. राजू कंप्यूटर पर कुच्छ काम कर रहा था. गीता के आते ही उसने उसे गोद में बैठा लिया और चूची मसल्ने लगा.गीता बोली — क्या कर रहे हो भैया? कोई आ जायगा. इसपर राजू बोला – ठीक है पहले मैथ का सवाल हल कर लो.
राजू लगभग आधे घंटे में सारे सवालो को हल कर लिया और गीता से बोला जाओ देख कर आओ कि घर में सभी सो गये है या नही,और बाथरूम कर के आना.गीता चली गयी और तुरंत ही आगयि. हां भैया सब सो चुके हैं.यह सुनते ही राजू ने गीता को उठा लिया और बिस्तेर पर पटक दिया और बोला आज तो रानी तुम्हें इतना चोदुन्गा कि तुम्हारी चूत का भोसरा बना दूँगा.गीता बोली चोद्ना क्या होता है? राजू बोला जब मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुस कर कुटाई करेगा तब पता चल जायगा मेरी रानी.यह कह कर राजू ने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसकी छोटी-छोटी चूचियो को चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूत पर उंगली रगड़ने लगा.
गीता को भी मज़ा आने लगा और ज़ोर से चूसो भैया,मज़ा आ रहा है. गीता की चूत भी गीली हो गयी और वो बोलने लगी भैया मेरे पूरे शरीर को पीस दो भैया,मेरी चूत में लगता है चीटियाँ घुस गयी है उंगली डाल कर निकालो चीटियों को. राजू ने कहा हां मेरी रंडी तुम्हारी कच्ची चूत मे जब मेरा हथोडे जैसा लंड जायगा तब सारी चीटियाँ मर जायगी.
राजू ने भी सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया. राजू अपना लंड गीता के मुँह के पास लेजाकार बोला डार्लिंग इसे चूसो.
गीता ने कहा — नही भैया ये गंदा है.
राजू बोला – साली जब चूसोगी तब इतना मज़ा आयगा कि छोड़ॉगी नही.चूसो इसे.
गीता के मुँह में राजू का लंड तो नही घुस पाया, वो लंड के सुपाडे को ही चूसने लगी.जब लंड से प्री-कम निकलने लगा तब उसका नमकीन स्वाद गीता को बड़ा अच्छा लगने लगा.वो सुपाडे को चाटने लगी और बोली – हां भैया बड़ा अच्छा लग रहा है.
राजू बोला – जब तुम्हारी चूत चोदुन्गा तब तो और भी मज़ा आयगा.
गीता बोली—तो चोदो ना भैया.
फिर राजू क्रीम ले आया और गीता की चूत पर अच्छि तरह से लगाया, क्रीम को उसने अपने लंड पर भी लगाया,और बोला—जब लंड घुसेगा तब थोड़ा दर्द होगा इसे बरदाश्त करना ,जब पूरा अंदर चला जायगा तब बहुत मज़ा आयगा.
गीता बोली –ठीक है.
अब राजू ने गीता के टाँगो को फैलाया और उसके बीच में जाकर लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा , दोनो हाथो से गीता की चूचियो को पकड़ा और मुँह को उसके मुँह पर लगा कर मुँह बंद किया और गचक से झटका मारा. उउउइईईई ऊवंन्न आअन्न्नणणन् करके गीता छ्टपटाने लगी.राजू ने फिर झटका मारा. लंड चूत के झिल्ली को तोड़ते हुए अंदर चला गया .गीता के आँख से आंशू निकलने लगे.राजू वैसे ही रुक कर गीता की चूचियों को मसल्ने लगा. जब गीता के आंशू रुक गये तब राजू ने घच्छ से एक झटका और मारा . पूरा लंड गीता की टाइट चूत में समा गया . गीता दर्द के मारे ऊन्न्नणणन् कर के रोने लगी .फिर जब उसका रोना रुका तब राजू ने उसके मुँह से मुँह हटाया.गीता बोली भैया निकालो मुझे नही चुद्वाना है इतना दर्द मुझसे बर्दास्त नही होगा. राजू बोला – घबराओ मत गीता अब तुम्हे बहुत मज़ा आयगा .मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुस चुका है.यह कह कर राजू गीता को चाटने चूसने लगा और हाथ से उसकी छ्होटी-छ्होटी चूचियों को मसल्ने लगा .
गीता का दर्द कम हो गया.वो चूची मसलवाने का आनंद लेने लगी और चूत को सिकोड कर लंड का मज़ा लेने की कोशिश करने लगी. राजू यह देख कर चुदाई स्टार्ट कर दिया . और तेज़ चोदो भैया गीता को मज़ा आने लगा राजू भी स्पीड तेज कर दिया .और ज़ोर से भैया .आज मेरी चूत को कूट कर रख दो,फाड़ दो मेरी चूत को.और कमर उच्छालने लगी. राजू भी फुल स्पीड में धक्के लगा रहा था ले साली अभी तो रो रही थी अब मज़ा आने लगा हरम्जदि ,ले आअहह उऊहह यीहह गछा-घच चुदाई चलने लगी. बोल हराम्जादि भैया से चुद्वाने में मज़ा आ रहा है?
हां भैया, मुझे पता होता कि चुदाई इतनी मज़ेदार होती है तो मैं पहले ही तुम से चुद्वाती .
साली मुझे पता होता कि मेरे घर इतनी मस्त माल है तब मैं तुम्हें पहले ही चोद देता. आआआ ऊऊऊऊओ.
हां भैया अब तुम रोज ही मुझे चोद्ना.आआ उूुुुउउ भैयाअ लाअग रहाआ हाई मैं आसमान मीई उउर्र्रर राआही हूऊंन आआआआअ और गीता झार गयी .
राजू के लंड ने भी धार छोड़ दी लीई राअनीि उउईई मायन्न्न ग्ग्ाआययय्याआआआआ. और राजू झर गया.
कुच्छ देर दोनो वैसे ही पड़े रहे. फिर राजू ने लंड निकाला. गीता की चूत से खून की धार निकलने लगी.
यह क्या है?
तुम्हारी सील टूटी है ना वही खून है कुच्छ नही होगा.दोनो लिपट गये और चुम्मा चाटि करने लगे.
इसतरह दोनो जब भी मौका मिलता चुदाई का आनंद लेते थे. एक दिन रात में जब दोनो चुदाई में मशगूल थे तभी राजू के कमरे का दरवाज़ा झटके से खुला और सीता अंदर आ गयी, यह क्या हो रहा है?
कुच्छ नही बहना गीता को जवानी का आनंद दे रहा हूँ.
मैं पापा को बोलूँगी.
मैं तुम्हें भी मज़ा दूँगा.
सीता को सेक्स की समझ थी इसलिए उसे चुदाई देखना अच्छा लगने लगा.वो दरवाज़ा बंद की और बोली भैया मुझे भी चोदो तो नही बोलूँगी. राजू को क्या था, वो तो खुस हो गया कि घर में ही दो-दो मस्त माल मिल गयी. ठीक है कपड़े उतारो और देखो,यह कह कर राजू ने गीता की थुकाइ चालू कर दी.सीता भी अपनी छोटी-छोटी चूचियों को अपने हाथ से मसल्ने लगी और चूत पर हाथ सहलाने लगी. जब राजू और गीता झर गये तब राजू उठा और सीता की चूची देख कर उसका लंड फिर खड़ा होने लगा. सीता की चूची पूरी तनी हुई थी,उसके निपल एकदम खड़े थे और चूत पर रेशमी बाल. सीता की अन्चुदि चूत देख कर राजू का लंड तन गया. उसने सीता की चूचियों को मसलना चालू कर दिया सीता को मज़ा आने लगा.राजू ने उसकी चूत में भी उंगली घुसेड दी. सीता की भी सील नही टूटी थी.
सीता जल्दी ही गरमा गयी . राजू ने गीता को कहा तुम सीता की चूत में क्रीम लगाओ.और राजू उसकी चूचियों को दाँत से काटने लगा सीता को दर्द भी हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था. जब गीता ने सीता की चूत में क्रीम लगा दिया तब राजू सीता पर लेट गया और उसका मुँह हाथ से बंद किया और घचक से लंड को पेल दिया सीता छॅट्पाटा कर रह गयी पर आवाज़ नही निकाल पाई,सीता की भी सील टूट गयी . उसने फिर धक्का दिया घच्चह और पूरा लंड चूत के अंदर. उसने अपना हाथ सीता के मुँह से हटाया और बोला चुद्वाओगि?
सीता बोली नही छोड़ दो मुझे .
अब क्या छोड़ू? अब तो लंड ने अपना काम कर दिया अब मज़े लो.
धीरे-धीरे उसने चुदाई आरंभ कर दी .
गीता बोली—दीदी मुझे भी काफ़ी दर्द हुआ था पर अब तो लगता है कि लंड को चूत में घुसाए ही रखूं.]
सीता को भी मज़ा आने लगा था अब कमर उच्छालने लगी.राजू ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा .
तःप-ठप –ठप-ठप आवाज़ निकलने लगी फिर आआआआआअ ऊओह मैं उड़ रही हूँ.
गीता बोली भैया का लंड इतना शानदार है कि अभी तुम आसमान में गोते लगओगि.
आआआआआ ऊऊऊऊऊऊऊऊओ उूुुउउइईईईईईई ज्जूऊऊऊओर सीईई हच्छ-हच्छ ऊऊऊऊ और दोनो झर गये और सुस्त पड़ गये.
गीता बोली मज़ा आया दीदी?अब तो तुम भैया की रंडी बन गयी?
हां गीता ,अब मैं रंडी ही बने रहना चाहती हूँ.
फिर दोनो अलग हुए गीता झट से राजू का लंड चूसने लगी.
गीता बोली—चूस के देखो, आइस-क्रीम खाना भूल जाओगी.
सीता ने लंड को मुँह में ले लिया हां गीता बड़ा मज़ा आ रहा है.
इसतरह राजू एकदिन बाद एकदिन दोनो बहनो को चोद्ने लगा.
एक शाम को राजू और सीता कार से बाज़ार गये . बाज़ार से लौटने के वक़्त दोनो कार पार्किंग से कार लेने गये तो कार में बैठते ही राजू ने उसे गोद में खीच लिया और सलवार का नाडा खोल कर नीचे सरका दिया पैंटी भी सरका दी,फिर उसने अपना लंड निकाला पिछे से ही उसकी चूत में पेल दिया और बोला मैं ऐसे ही घर जाउन्गा ,तुम बैठी रहना मैं कार चलाउंगा.फिर राजू कार बाहर निकला. काले शीशे होने की वजह से और रात होने की वजह से किसी को कुच्छ दिखाई नही दे रहा था , जब कार पार्किंग साइट से बाहर निकली तो अचानक मैं सामने आ गया. मुझे देख कर दोनो घबरा गये,जल्दबाज़ी में अलग भी नही हो पाए कि मैं कार के गेट के करीब पहुँच गया. नज़दीक से मैने जब उन्दोनो को इस हालत में देखा तो मेरा भी लंड खड़ा हो गया.
दोनो अलग हुए और राजू ने कहा यार किसी को मत बताना.
मैने कहा ठीक है पहले गाड़ी में बैठने तो दो.
यह कह कर मैं सीता की बगल में बैठ गया और बोला चलो.
जब गाड़ी चल दी तब मैने सीता को कमर से पकड़ा और गोद में बैठा लिया.
यह क्या कर रहे हैं?
मैं किसी को नही बोलूं इसकी कीमत ले रहा हूँ.यह कह कर मैं सीता की चूचियों को मसल्ने लगा.
फिर मैं बोला राजू यार आज मैं तुम्हारी बहन को चोदुन्गा, चोद्ने दोगे ना?
राजू बोला ठीक है.
तीनो घर आ गये. घर आते ही मैं जल्दी से सीता को लेकर राजू के कमरे में घुस गया और सीता को पूरी नंगी कर के जोरदार चुदाई की. चुदाई के बाद सीता ने ही यह कहानी मुझे बताई.
दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
मैं, मेरी कजिन और एक शुरुवात
ये मेरी कहानी सच्ची है मैं जयपुर का रहने वाला हु मेरा नाम राहुल है और ये बात जब की जब मेरी स्कूलिंग ख़त्म हो गई थी और कोलेज में दाखिले की तयारी थी इस कहानी का हीरो मैं हु और हेरोइन मेरी कजिन रिटा है रिटा अबू धाबी में रहती है और वो हर साल छुट्टियों में इंडिया हमारे घर यानि अपनी मोसी के घर आती थी हर साल हम सभी कजिनस छुट्टिया साथ बिताते थे 10 हम कजिन है हमउम्र जिनमे से छ हम लड़के थे और चार लडकिया थी हर बार की तरह इस बार पियासी कुछ नया नहीं था हम वही पिछले सालो की तरह से मस्ती करने के लिए मेरे घर पर जुटे थे इस बार बस जो अलग था वो ये की अब हम सब जवान हो गए थे सिवाए रिटा की बहन ऋचा के वो हम सब में सबसे छोटी थी पर वो भी जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी वो स्वीट ***EDITED*** की हो गई थी हमारी छुटिया बड़े मजे से गुजर गई और महिना कब ख़तम हो गया पता ही नहीं चला अब सबके वापिस जाने का टाइम आ गया था और अब सिर्फ घर पर 10 में से हम तीन ही बचे थे मैं, रिटा और ऋचा अभी तक हम सब से साथ होने की वजह से कुछ स्पेशल नहीं था पर अब सिर्फ मैं ही था जो उनको इस शहर में घुमा सकता था और बाकि के सप्ताह भर तक मस्ती कराता अब मेरी दोनों बहने मेरे नखरे उठाने लगी और ऋचा जो की अभी थोड़ी सी छोटी थी या यु कहू की पूरी तरह से जवान नहीं हुई थी वो मुझसे बाईक सीखना चाहती थी और जैसे ही उसने मुझसे कहा तो मोसी ने मन कर दिया इस पर मेरे पापा ने बोला कोई दिक्कत नहीं होगी क्युकी मैं पडोसी के लड़के को चलाना सिखा चूका हु 4 पिछले साल से बाईक चला रहा हु ऋचा को इजाजत मिलते ही रिटा ने पियासी कहा की वो पियासी सीखेगी अब रोज रात को तक़रीबन 10 – 11 बजे मैं दोनों को बाईक चलाना सिखाने लगा क्युकी पहले ऋचा ने कहा था इसलिए मैं पहले उसे सिखाने के लिए लेकर गया रात बहुत थी इसलिए सभी घर में ही बैठे थे और सिर्फ मैं और ऋचा ही बहार निकले मेने ऋचा को कहा कि आज पहले सिर्फ तू हेंडल करना सीख ले और मैंने उसे सिखाना शुरू किया वो मेरी उम्मीद से कही बेहतर थी 5 उसने मिनट में ही सीख लिया अब बारी आई रिटा की, अब मैं निश्चिन्त था की जब ऋचा ने इतना अच्छा बेलेंस किया है तो रिटा तो और पियासी आराम से कर लेगी पर मैं गलत था अभी मैंने उसे हेंडल दिया ही था की हम गिरते गिरते बचे अगर मैं पैर जमीन पर नहीं टिकाता तो हम दोनों ही जमीन पर होते बाईक संभालने के चक्कर में मेरा लेफ्ट हाथ तो उसके पेट पर था पर मेरा सीधा हाथ उसके राईट साइड के आर्म पिट से कुछ निचे था और क्युकी बाईक लेफ्ट साइड में गिर रही थी तो मेने अपना लेफ्ट पैर जमीन पर टिका रखा था और मैं उसी तरफ झुका हुआ था उस वक़्त तो मेरा पूरा ध्यान सिर्फ बाईक पे था पर जब बाईक संभल गयी तब मेने महसूस किया की मेरे राईट हाथ रिटा के बूब को साइड से छु रहा था मैं मेरी हालत बयान नहीं कर सकता क्युकी वो मेरा पहला अनुभव था बूब छूने का और वो भी मेरी के, अब मेरे अन्दर एक जंग शुरू हो गयी की ये सही है या गलत पर मेरा हाथ वही था रिटा के बूब पर अभी मैं अपने आप में संभालता उससे पहले ही रिटा ने सॉरी सॉरी कहना शुरू कर दिया …. उसे लग रहा था कि अभी उसकी वजह से हम गिर जाते अब भी मेरा हाथ वही था मेने अपने दुसरे हाथ से बाईक सीधी कि और सोचा कि मैं बिना बात के ही डर रहा था इसे तो पता भी नहीं है कि मैं इसके बूब को छु रहा हु अब मैं उससे बिलकुल चिपक कर बैठ गया और अपने दोनों हाथ ठीक उसकी आर्म पिट के निचे से ले जाते हुए बाईक का हेंडल पकड़ा और उसे बाईक सिखाने लगा रिटा का पूरा ध्यान बाईक पर था और मेरा उसके बूब्स पर और इसी तरह से हमने करीब आधा घंटा बाईक चलाई जब घर आये तो ऋचा ने कहा इसे इतनी देर तक क्यों सिखाई तो मेने कहा इसको तो हेंडल करना भी आता और ये तो तुझसे बहुत फिस्सडी है इस बात पर सभी हंसने लगे और रिटा नाराज हो गई मैं उसको मानाने गया तो उसने कहा कि उसे नहीं सीखनी बाईक ये सुनते ही मेरे सारे ख्वाब हवा हो गए और मैं उससे मानाने में लग गया और उसे मानाने में रात 2 के बज गए फिर हम तीनो मेरे कमरे में सो गए एक तरफ मैं बीच मैं ऋचा और फिर रिटा .. … वो दोनों तो जल्दी से सो गयी पर मेरी नींद तो उड़ चुकी थी मैं तो सिर्फ रिटा के बूब के बारे में सोच रहा था अब मैं हरामी हो गया था और यही सोच रहा था कि अभी तो सिर्फ साइड से ही छुए है पुरे बूब को दबाने का मजा कैसे लू फिर मेने एक प्लान बनाया फिर मेने सोने कि कोशिश कि पर नींद नहीं आ रही थी और इच्छा हो रही कि अभी एक बार और छु कर देखू पर रिटा तक पहुचना मुश्किल था तो मेने सोचा कि रिटा के खरबूजे नहीं तो ऋचा के छोटे छोटे नीबू ही सही मैंने सोने का नाटक करते हुए अपना एक हाथ ऋचा के नीबू पर रखा रिटा के बूब बड़े थे इसलिए बहुत सोफ्ट थे हल्के से में ही दब जाते थे पर ऋचा के छोटे थे और वो भी ब्रा में कैद तो मुझे हाथ रखने में मजा नहीं आया एक बार तो मेने सोचा कि अब तो कल ही मिलेगा मुझे पर मेरे अन्दर के शैतान ने कहा कि एक बार दबा के देख लेना चाहिए और मेने हिम्मत करके अपने हाथ का दबाव बढाया अब मुझे कुछ कुछ मजा आने लगा और ज्यादा करने कि इच्छा होने लगी मैं अब ऋचा के पास सरक गया और अपनी उंगलियों से उसके निप्पल को छूने कि कोशिश करने लगा जैसे ही मेरा हाथ उसके निप्पल को लगा ऋचा ने हरकत करी मेरी गांड फट गयी और मैंने अपना हाथ हटा लिया पर जब देखा कि वो नींद में है और उसे नहीं पता चला तो मेने रिटा के बूब छूने कि कोशिश करी मेने अपना हाथ रिटा तक ले जाने कोशिश करी तो पता चला कि दूसरी तरफ मुह करके सो रही है मेने अपने आप से कहा हो गई खड़े लंड पर चोट और मैं वापिस से ऋचा के बूब पर अपना हाथ ले जाने लगा तभी ऋचा ने करवट ली और वो अपने दोनों बूब्स को गद्दे में दबा कर सो गई अब मैं पागल हो गया की खरबूजे के चक्कर में नीबू भी गए और मैं उठ कर बैठ गया करीब १० मिनट के बाद रीता ने करवट ली और वो अब हमारी तरफ करवट ले कर सो रही थी|
अब मैंने फिर से अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया और अबकी बार बिलकुल ऋचा से सटकर लेटा जिससे की मैं रीता तक आराम से छु सकू| मेने अपना हाथ पहले तो ऋचा के ऊपर रखा फिर धीरे से उसे रीटा की तरफ ले गया अब मेने पहले बड़ी सावधानी से रीटा के बूब को छुआ फिर कुछ देर हाथ बूब पर रखा पर बिलकुल हलके से क्युकी मैं नहीं चाहता था कि उसे पता चल जाये इसलिए मैं सतर्क था फिर मेने धीरे धीरे से अपने हाथ का दवाब बढाया रीटा बिलकुल भी नहीं हिली अब मैं बिलकुल निश्चिन्त था अब मेने उसके बूब्स को सहलाने कि सोची और जैसे ही मेने बूब्स सहलाये और मेरी लोटरी निकल गयी रीटा ने ब्रा नहीं पहनी थी अब मैं धीरे धीरे उसके बूब सहलाने लगा और दुसरे हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा अब मैं सातवे आसमान पर था मैं उसके निप्पल पकड़ना चाहता था पर मैं जानता था कि ऐसा करने पर ये मजे भी छीन जायेगे और मैं धीरे धीरे बूब्स सहलाने में लग गया कुछ देर बाद मेरे लंड ने एक धार छोड़ी और मैं खड़ा होकर बाथरूम में गया और हाथ साफ़ करके वापिस आया और टाइम देखा तो 4 बज गए थे फिर मैं भी जल्दी से सो गया|
अगले दिन में देर तक सोता रहा घर में सभी जग गए थे मेरी भी नींद तो खटपट से खुल गयी थी पर मेने आँखे नहीं खोली थी तभी मम्मी, मोसी और ऋचा कमरे में आये! मम्मी ने कहा कितना नालायक लड़का है 11 बजे तक सो रहा है तो ऋचा बोली मोसी भैया को सोने दो उनको रात को ठण्ड लग रही थी इसलिए वो रात को सही से नहीं सो पाए होगे मेरी मोसी ने पूछा तुझे कैसे मालूम तो उसने बोला की रात को ठण्ड की वजह से वो बार बार मुझसे चिपक रहे थे ये सुनते ही मेरी गांड फट गयी क्युकि इसके तो सिर्फ चिपका था जिसके साथ मैं खेला था उसने कुछ बोल दिया तो…. तभी ऋचा बोली सुबह तो दीदी भी मेरे चिपक गई थी ठण्ड के मारे आप दोनों को रात को एक एक चद्दर देना!
अब मेरी गांड फट रही थी पांच मिनट बाद जब वो लोग कमरे से निकले मैं उठा और सोचा क्या करू तभी मोसी कमरे में आई और बोली बेटा तू जल्दी से हम सभी को बाज़ार ले चल मेने कहा अभी तो मोसी बोली हाँ!! तू तैयार हो जा ! तभी कमरे में रीता आई उसको देखते ही मेरे होश उड़ गए क्युकि डर था की अब वो मुझे क्या बोलेगी मैं बाथरूम की तरफ जाने लगा तो वो बोली रात को क्या मैं कुछ देर के लिए इन्टरनेट इस्तेमाल कर सकती हु मेने कहा इसमें क्या पूछना है तो वो बोली नहीं इधर तेरे कमरे में मेने कहा ठीक है मैं इंतजाम कर दूंगा! उसने मुझे गले लगा लिया और thanx कहा हम पहले भी ऐसा कई बार कर चुके है पर इस बार मुझे कुछ ज्यादा अच्छा महसूस हुआ! फिर मेने उन सब को बाज़ार छोड़ दिया अब मैं घर पे अकेले था तो मेने रात को बनाये हुए प्लान की तैयारी करनी शुरू कर दी पर अब मुझे डर भी लग रहा था क्युकि ऋचा की आंख खुल गयी थी अगर वो देख लेती तो… मेने एक दूसरा प्लान बनाया मैं आप की दूकान से एक डरावनी इंग्लिश मूवी ले कर आया और साथ मैं हैरी पोटर की भी ले आया! अब मैं रात होने का बेसब्री से इन्तेजार करने लगा तभी मुझे ध्यान आया की रीता को इन्टरनेट चाहिए था वो भी मेरे कमरे में. मेरे घर में कंप्यूटर ऊपर के कमरे में है और ऊपर का कमरा मेरे स्टडी के लिए ही इस्तेमाल होता है मेने अपने दोस्त को फ़ोन कर के उसका लैपटॉप और डाटा कार्ड ले लिया और सबसे पहले उसमे से सारी अश्लील सामग्री (BF) हटा दी!
शाम को करीबन 5 बजे मेरे पास फ़ोन आया की उनको बाज़ार में लेने को आऊ मैं बाज़ार पंहुचा ऋचा ने कहा की चलो घुमने चलते है और हम सब घुमने निकल गए और रात को 8 बजे खाना पैक करा कर घर गए और पापा हमे गाते पर ही मिल गए! पापा ने कहा की आज मुझे देर रात तक काम करना है तो मैं स्टडी में जा रहा हु मेरे सारे सपने सारे प्लान चौपट हो गए क्युकि मैं जनता था की पापा सोने से पहले कमरे में जरूर आयेगे! अभी मैं कपडे बदल कर बाहर आया तो रीता ने कहा फक मुझे इन्टरनेट इस्तेमाल करना था मेने उसे कहा मैं तेरे लिए लैपटॉप ले आया हु ये सुन कर वो बहुत खुश हुयी और मेरे गले लग कर मेरे गालो पे किस किया! मैं तो बिलकुल ब्लेंक हो गया था क्युकि अब मेरी सोच उसके लिए बदल गयी थी रीता ने कहा तू मेरा सबसे अच्छा भाई है मेने भी कहा और तू मेरी सबसे अच्छी बहन… ये सुन कर ऋचा बोली और मैं मेने उसको कहा तू तो मेरी एंजेल है ये सुन कर वो आई और मेरे दोनों गालो पे किस कर के गले लग गयी मैं तो सातवे आसमान पर पहुच गया और मेरा बाबुराव सलामी देने लगा वो तो अच्छा था की मेने ढीला सा लोवेर पहना था! मेने सोचा आज रात को तो मैं कुछ कर नहीं सकुगा तो बाईक चलते वक़त ही कुछ करना पड़ेगा!
रीता लैपटॉप पर अपना काम करने लगी मैं और ऋचा खाना खाने चले गए जब हम खाना खा कर कमरे में आये तो रीता ने बताया की उसका एडमिशन के इंटरवियु इंडिया में ही है और बॉम्बे में है पर २० दिन के बाद और उनके वापसी के टिकेट 6 दिन बाद के थे मेने कहा करते है कुछ पहले तू खाना खाले! वो खाना खा कर आई तो मम्मी, पापा और मोसी उसके साथ ही थे हम सभी टीवी के सामने बैठे थे मेने ऋचा को कहा चल आजा तुझे बाईक चलाना सिखाता हु इस पर पापा ने मना कर दिया आज नहीं कल सिखाना मेरा मूड ख़राब हो गया पहले तो रात का फिर अब बाईक का भी प्रोग्राम केंसिल हो गया मेने सोचा की आज का तो दिन ही खराब है !
पापा ने मोसा जी को यानि की रीता के पापा को फ़ोन लगाया और सारी बात बताई पापा और मोसा जी में कोई 15 -20 मिनट बात हुयी उसके बाद मोसा जी ने फ़ोन फिर से करता हु कह कर काट दिया पापा ने मुझे कहा की तू जाकर आईस क्रीम ले आ मैं ऋचा को साथ ले जाने लगा तो पापा ने कहा कार ले कर जाना मैंने कहा ये मौका भी गया खैर मैं गया और जब वापिस आया उस बीच जो हुआ उसने ना सिर्फ मेरा दिन बल्कि कई सारे दिन अच्छे बना दिए! मुझे पता चला की मोसी और ऋचा तो 6 दिन बाद ही जा रही है पर रीता मेरी जान यही पर रुक रही है और वो मेरे साथ मुंबई जाएगी फिर वही से उसकी UAE की फ्लाईट बुक होगी अब मैं बहुत खुश था की अब हम दोनों कुछ दिन बिलकुल अकेले रहेगे और ये मेरे लिए 1 सुनहरा मौका होगा!
अब मेने ये तय कर लिया कि मोसी के जाने से पहले कुछ भी नहीं करुगा पर ये मेरी गलतफहमी थी अभी उनके जाने में तीन दिन थे और तीन राते भी, मैं रात को खुद पर काबू नहीं रख पाया और फिर वही किया और रीटा और ऋचा के बूब से खेलना शुरू किया पर खुद को बड़ी मुश्किल से रोका क्युकी मैं अपने हाथ से ये मौका जाने नहीं देना चाहता था इसी तरह से दो दिन निकल गए पर तीसरे दिन जो हुआ वो मैं विश्वास नहीं कर सकता था !
आज रात को मोसी को जाना था तो मैं कार धो रहा था जब मैं नल बंद करने पीछे कि तरफ गया तो बाथरूम से कुछ अजीब सी आवाज आई मेने जब गौर दिया तो सुना ये तो किसी लड़की सिसकी कि आवाज है मुझे लगा जरूर रीटा होगी इसलिए मेने दीवार पर चढ़ कर रोशनदान से देखा! रोशनदान से नजारा देख कर तो मेरे होश उड़ गए अन्दर रीटा नहीं ऋचा थी वो अपने मोबाइल से किसी से बात कर रही थी उस वक़्त वो पूरी नंगी थी और उसका एक हाथ मोबाइल पकडे हुए था और दूसरा हाथ उसकी साफ़ चुद पे था जिस पर एक भी बाल नहीं था! मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है मेने सोचा कि ये अपने बाल साफ़ कर रही होगी तभी फ़ोन बज गया होगा क्युकी मेरी नज़र में ऋचा अभी छोटी और मासूम थी! मैं नीचे उतर ही रहा था कि ऋचा ने अपना मोबाइल स्पीकर पर किया और उसे सामने रख दिया और अब उसका एक हाथ अपनी छुट पर तो दूसरा हाथ उन्ही छोटे छोटे निम्बू के आकर के बूब पर था जिन्हें मेने कुछ दिन पहले रगडा था! अभी मैं इस सदमे से बाहर भी नहीं आया था कि मुझ पर एक बम और फटा मोबाइल से एक लड़के कि आवाज आई जो कि उसे अपने बूब दबाने के लिए कह रहा था! मैं समझ गया कि वो फ़ोन सेक्स कर रही है! मैं जल्दी से निचे उतरा और मेरा दिमाग चलना शुरू हो गया मेने सोचा कि इस पर भी हाथ साफ़ किया जा सकता है और मैं उस कमरे में चला गया जिस कमरे के बाथरूम में ऋचा थी और उसके बहार आने का इंतज़ार करने लगा!
ऋचा जैसे ही बाथरूम से बाहर आई मेने उससे पुचा क्या हुआ वो ऐसे आवाज क्यों निकाल रही थी उसके होश उड़ गए मेने कहा मुझे पता है कि तू क्या कर रही थी अन्दर ? अभी उसके चहरे से रंगत उड़ चुकी थी और मैं फायदा उड़ाने कि सोच ही रहा था कि मोसी ने बुला लिया और कहा कि उनके साथ बाज़ार चालू मेने मन में सोचा कि आज ये तो बच गयी और मैं चला गया! रात को वापिस आया तब तक पापा आ गए थे अब कोई भी मौका नहीं था रात को 11 बजे मैं मोसी और ऋचा को छोड़ने के लिया निकला मेरे साथ में मम्मी और रीटा भी थे ऋचा मेरे से नज़र चुरा रही थी हम एयर पोर्ट पहुचे तो रीटा और मोसी टिकेट लेने चले गए जो पहले से बुक थे अब मैं मम्मी और ऋचा ही बचे थे ऋचा बोली भैया मुझे प्यास लगी है चलो सामने दुकान पर चलते है मैं उसके साथ सामने वाली दुकान पर पंहुचा तो वो बोली कि इस दुकान पर नहीं दूसरी वाली पर चलो मुझे कुछ समझ नहीं आया पर फिर भी मैं उसे दूसरी तरफ दुकान पर लेकर गया उधर जाकर उसने एक ठंडा माँगा और जब हम वापिस आ रहे थे तो उसने मुझे बीच रास्ते में रोक कर कहा भैया थेंकस मेने कहा किसलिए तो वो बोली कि आपने मेरी बाथरूम वाली बात मम्मी को नहीं बताई इसलिए और मेरे होठो को चूम लिया मेरे होश उड़ गए तभी मेने अपने आप को संभाला और उसे बाहों में भर कर कहा ऐसी बाते बड़ो को नहीं बताई जाती और उसके होठो को जोर से चूम लिया वो बोली कि ये मेरा अभी तक का सबसे बहतरीन ट्रिप रहा और उसने कहा कि अगली बार वो आएगी तो मुझे और भी हसीं यादे देकर जाएगी इस पर मेने कहा कि तू मुझे उधर जाते ही भूल जाएगी और उस फ़ोन वाले के साथ मस्त हो जाएगी इस पर उसने मुझे वादा दिया और फिर एक बार चूम लिया और कहा अब इस वादे पर मोहर भी लग गयी है बस! उसकी इस अदा पर मैं मर मिटा था और जब वो चले गए तो रस्ते भर यही सोचता रहा कि गलत किया जो रीटा के पीछे था अगर ऋचा का सोचा होता तो अभी तक उद्घाटन हो गया होता!
रात को ऋचा और मोसी को छोड़ कर वापिस आने के बाद मैं सो गया और सुबह उठ कर रोज के काम काज में लग गया पुरे दिन में कुछ भी नहीं किया बस रात होने का इंतज़ार करने लगा! रात को जब हमने खाना खा लिया तब मैं बोला रीटा आज अपन दोनों पिक्चर देखते है वो खुश हो गई हम दोनों मेरे कमरे में आ गए मेने टीवी पर पिक्चर लगा दी ये एक डरावनी पिक्चर थी मैं जानता था कि रीटा को बहुत डर लगता है और ये फ़ॉर्मूला हमेशा ही काम करता है इस पिक्चर में कुछ न्यूड सीन भी थे जो कि बीच में आने थे अब मामी पापा सोने चले गए और मेने पिक्चर शुरू कर दी कुछ देर में ही रीटा को डर लगने लगा और उसने मुझे पिक्चर बंद करने को कहा मेने मना कर दिया और कहा तू सो जा मैं जानता था की वो सो नहीं सकेगी और ऐसा ही हुआ!
मेने उसको बोला तू क्यों डरती है मैं हु ना तेरे पास और ये सुन कर वो मेरे पास खिसक आई अब मेने अपना एक हाथ उसके निचे से निकलते हुए उसके बदन पर लपेट लिया अब मेरा हाथ उसके बूब को दबाते हुए उसकी कमर पर था तभी एक डरावना सीन आया तो वो मुझसे जोर से चिपक गई मेने उसकी कमर को सहलाना शुरू कर दिया जैसे की मैं उसे दिलासा दे रहा हु और मेरा हाथ के हिलने से उसकी टीशर्ट ऊपर हो गई और मेरा हाथ उसकी कोमल और मखमली कमर पर फिरने लगा उसकी कमर को छूते ही मेरा लंड खड़ा हो गया ! कुछ देर बाद जब दूसरा डरावना सीन आया तो वो फिर से मेरे चिपकी इस बार मेने सोचा कुछ आगे बड़ा जाये तो मेने अपने हाथ को उसकी कमर से हटा कर उसकी गांड पर एक प्यारी सी थपकी दी और कहा कुछ भी तो नहीं है क्यों डर रही है? क्या गांड थी उसकी इतनी मुलायम और इतनी गोल कासी गांड की मैं दीवाना हो गया और अपना हाथ अब कमर से लेकर उसकी गांड तक फिराने लगा मैं एक एक करके कदम उठा रहा था क्युकी मैं जानता था की एक गलती मेरी गांड लगा देगी कोई 4 – 5 मिनट उसकी गांड के मजे लेने के बाद उसने मेरा हाथ पकड़ लिया अब मेरा हाथ उसकी कमर पर था और उसने पकड़ रखा था! मैं समझ गया कि उसे अच्छा नहीं लगा तो मैं रुक गया पर आप जानते ही हो सारी की सारी दुनियादारी मेरे लंड से और जब लंड अपनी औकात पर आ जाये तो कोई क्या कर सकता है सो मेने अगला कदम उठाने की सोची!
मेने रीटा को बोला थोडा सा दूर खिसक मुझे गर्मी लग रही है तो रीटा ने मना कर दिया और मैं भी तो यही चाहता था जैसे ही उसने मना किया मेने अपने दुसरे हाथ से उसके कंधे को पकड़ कर धक्का दिया वो फिर से मेरे पास आ गयी मेने फिर से उसे धक्का दिया पर अबकी बार कंधे से निचे और बूब से थोडा सा ऊपर हाथ रखा वो जैसे ही आगे आने को हुई उसका बूब मेरे हाथ में था मेने झट से उसे दबा कर छोड़ दिया क्या मजा था इसमें अभी मुझे रात से ज्यादा मजा आया था क्युकी रात को उसके उठने का डर था और अभी मैं जानता था कि वो इसे गलती से हो गया समझेगी सो कोई डर नहीं था वाह क्या मुलायम गद्दीदार बूब था उसने और मेने नाईट सूट पहना था और वो रात को ब्रा नहीं पहनती थी मेरे लंड ने मेरे पजयामे को तम्बू बना दिया था वो तो अच्छा था की मैं चद्दर दाल रखी थी!
मैं पूरी पिक्चर ख़त्म होने तक उसको छू कर मजे लेता रहा और मुझे पता था कि असली मज़ा तो अब आना था क्युकी वो डर के मारे मुझसे चिपक कर सोएगी! वो मुझसे चिपक कर तो सोई पर मैं फायदा नहीं उठा सका क्युकी वो डर के मारे सो नहीं पा रही थी मैं पहले तो कुछ देर सोने का नाटक करने लगा पर जैसे ही मेने उसके बूब को छुआ वो जाग गयी मेने कहा छोड़ मुझे मैं बाथरूम जाकर आता हु उसने कोई मुह नहीं बनाया तो मैं यह समझ गया की उसे कोई शक नहीं हुआ है और मैं वापिस आ कर सोने की कोशिश करने लगा पर नींद आती तो आती कैसे? मेरी छमिया मेरी लंड की मल्लिका मुझसे चिपक कर सो रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था
सुबह जब मैं जगा तब 11 बज गए थे मैं तैयार होने लगा तभी रीटा आई और बोली मैं रात को सो भी नहीं सकी अब कभी मेरे होते हुए भूत वाली पिक्चर मत चलाना मेने कहा ठीक है जो आप कहो महारानी और वो हसने लगी! तभी मेरा मोबाइल बजा मेने देखा मेरे बचपन के दोस्त रवि का फ़ोन है! वो मुझे बोला कि चल तैयार हो जा मैं तुझे लेने आ रहा हु मेने कहा किधर जाना है तो वो बोला मेरे फार्म पर चलेगे आगे की तरफ बारिश है मजा आ जायेगा बाकि दोस्त भी आ रहे है! मैं आप सब को बता दू उसका फार्म जयपुर से दूर टोंक रोड पर पड़ता है और उसके फार्म पर से एक बरसाती नदी निकलती है इसलिए जब भी उस तरफ बारिश होती है हम सब दोस्त उधर जाते है! मेने उसे मना किया तो वो नहीं मान रहा था मेने उसे समझाया की मेरी बहन अभी नहीं गयी है वो बोर हो जाएगी तुम लोग जाओ मैं अगली बार जब बारिश होगी तब चल लूँगा! मेरी सारी बात बगल में बैठी रीटा ने भी सुनी ली थी फ़ोन कटते ही उसने मुझ पर सवालों की बारिश कर दी! किसका फ़ोन था, किधर जाने की बात हो रही थी और मेरे वजह से तूने क्यों मना कर दिया? मेने उसे बताया की मेरे दोस्त का फ़ोन था सब दोस्तों का उसके फार्म पर जाने का प्लान था तो वो बोली तू क्यों नहीं गया मेने कहा तू बोर हो जाती और मैं फिर कभी चला जाऊंगा वैसे भी मैं तो जाता रहता हु! वो बोली : और बारिश? मेने उसे बताया कि उसके फार्म पर से बरसाती नदी बहती है अभी उधर बारिश हो रही है 2-3 दिन से इसलिए हम सब बारिश के वक़्त ही जाते है वो बोली मुझे भी जाना है तू एक काम कर तेरे दोस्त को बोल कि तू मेरे साथ आ रहा है मेने उसे बड़ी मुश्किल से समझाया की उधर सब लड़के होगे तू अकेली लड़की परेशान हो जाएगी तब कही जा कर उसने अपनी जिद छोड़ी!
दोपहर में खाना खाने के बाद मैं कमरे में बैठा टीवी देख रहा था तभी रीटा आई और बोली तू मेरी एक बात मानेगा? मेने कहा हाँ! वो बोली पक्का मेने कहा पक्का! उसने मुझे कहा तू अपने दोस्त से उसके फार्म की बात कर ले अपन लोग चलेगे तेरा दोस्त मान जायेगा ना! मेने कहा इसमें कोई दिक्कत नहीं है मैं उससे सन्डे के लिए बोल देता हु वो झट से बोली सन्डे अगर बारिश बंद हो गई तो? मेने कहा वो तो है पर उससे पहले पापा और मम्मी साथ नहीं जा सकेगे वो बोली हम दोनों चलते है ना मेने कहा कार नहीं मिलेगी और बाईक पर हम दोनों को इजाजत नहीं मिलेगी! वो कुछ देर सोच कर बोली एक काम करते है कल पिक्चर का बोल के चलेगे और खाना भी बाहर खाने का बोल देगे तो हमे टाइम भी मिल जायेगा और कोई मना भी नहीं करेगा मेने कहा ठीक है पर एक चद्दर चाहिए उधर बिछाने के लिए वो बोली तू मुझे दे दे उसको मैं मेरे बैग में डाल लेती हु! मेने कहा ये ठीक है और अगले दिन का प्लान तय कर लिया!
अगले दिन का सोच कर रीटा बहुत खुश थी और मैं रात का सोच कर क्युकी मेने रीटा को नीद की गोली खिला दी थी! रात को 1 बजे के आसपास दवाई अपना असर दिखा चुकी थी रीटा गहरी नीद में थी मेने उसके बड़े बड़े बूब को पकड़ कर सहलाना शुरू किया जब मुझे यकीन हो गया अब कुछ नहीं होगा तो फिर मेने उसके निप्पल को पकड़ कर खीचा! अब मैं आगे कदम बडाना चाहता था इसलिए मेने उसके होठो को चूमना और चुसना शुरू कर दिया मुझे बहुत मजा आया पर जब मेने अपनी जीभ डालनी चाही तो मैं नाकाम रहा! फिर मेने उसके बटन खोल दिए और बूब को चूसने लगा और उसके निप्पल को काटने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था पर मेरा लैंड अब चड्डी फाड़ कर बाहर आने को फड़क उठा और मेरा उसको बाहर निकलना जरूरी हो गया वरना वो फट ही जाता मेने अपना पायजामा और चड्डी निचे कर दी! फिर मेने रीटा का भी पायजामा खोलने की सोची पर उसको खोलना मुश्किल हो रहा था मेने अपना मोबाइल उठाया और उसकी लाइट जला दी उसमे रीटा का नंगा बदन निहारने लगा उसका नंगा बदन इस तरह निहारने में जो मजा आ रहा था वो शायद उसके बूब चूसने से ज्यादा मजेदार था! तभी मेने देखा उसके लेफ्ट बूब पर S लिखा था मैं उसको देख कर सोचने लगा ये इधर क्यों लिखा है और इसका मतलब क्या है? फिर मेने ज्यादा दिमाग नहीं लगाया और आगे बड़ा अब मेने अपने हाथ उसकी गांड पर रख दिए और उन मुलायम मुलायम और भरे हुए तरबूजो को नोचने लगा और फिर अपना हाथ उसकी गांड के छेद पर ले गया और जैसे हल्का सा दवाब बनाया रीटा हिली शायद उसको दर्द हुआ था पर दवाई के असर में वो जागी नहीं पर वो सीधी होकर लेट गई और अब मैं उसकी गांड नहीं छेड़ सकता था पर उसकी चुद को चाट सकता था मैं खुश हो गया और जैसे ही उसकी चुद चाटने के लिए अपना मुह ले कर गया मेरे मुह में उसकी चुद के बड़े बड़े बाल आ गए और मैं हट गया मेने कहा क्या चोदु किस्मत है मेरी! और फिर सोने की सोची पर अपना विचार बदल दिया और उसके हाथ में अपना लंड दे दिया और एक हाथ से उसके हाथो मुठ मरने लगा उसके होठ चूस रहा था और बिच बिच में उसके बूब्स से खेल भी रहा था आज तक की बेस्ट मुठ मारी थी ये मेने और इसका परिणाम ये था मेरे लंड ने हमेशा से ज्यादा वीर्य निकला जिसे मेने उसके हाथो से उसके होठो पर लगाया पर मुह में नहीं डाल सका पर उसके दांत पर लगा दिया और फिर उसके कपडे सही करके सो गया!
अगले दिन सुबह मैं और रीटा दोनों 11 बजे घर से निकल गए और फार्म के लिए रवाना हो गए! रास्ते में से हमने खाने पीने का सामान ले लिया और करीबन 12.30 तक हम फार्म पर पहुच गए! फार्म पर सिर्फ तीन तरफ चारदीवारी है और नदी की तरफ तारबंदी है अन्दर कोई कमरा या मकान नहीं है बस नदी की तरफ एक पीपल का बड़ा सा पेड़ है और फिर वो बरसाती नदी है उसके बाद खुला मैदान सा है! बारिश की वजह से चारो तरफ हरियाली थी और नदी भी अच्छी खासी बह रही थी ये देख कर रीटा को मजे आ गए! आप सब सोच रहे होगे कि मेने रस्ते में कोई मजे नहीं लिए तो मैं आप सबको बतादू कि वो मेरी बहन है और हम दोनों के दरमियान आँखों की शर्म है इसलिए मैं वो सब नहीं कर सकता था हाँ ये जरूर है रास्ते में कई बार उसके बूब्स मेरे से टकराए थे पर वो मेने जानकार नहीं किया था पर सच में मजा बहुत आया था! हमने सबसे पहले तो चद्दर को पेड़ के निचे बिछाया फिर उसपर सामन रख लिया! रीटा ने मुझे कहा चल नदी में नहाते है मेने उसे कहा – तू पागल हो गई है हम कपडे नहीं लाये और घर पर पिक्चर का बोल कर आये है घर पर क्या बोलेगे? रीटा को मेरी बात समझ आ गई उसने कहा चल फिर कुछ खाते है मुझे भूख लग रही है तो हम खाने बैठ गए! खाने के बाद हम पेड़ का टेक लेकर बात करने लगे! पहले तो हम इधर उधर की बात करते रहे फिर उसने मुझसे पूछा तेरी गर्ल फ्रेंड का नाम क्या है? मेने कहा मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है इसपर वो बोली क्यों झूठ बोलता है? मेने कहा तू जानती है मैं बॉयज स्कूल में था फिर कैसे बनती मेरी गर्ल फ्रेंड? उसने कहा तू सच बोल रहा है मेने कहा हाँ तो वो हँसते हुए बोली फिर तो तेरे लिए मुझे ही कुछ करना पड़ेगा मेरी दोस्त को तेरी गर्लफ्रेंड बना देती हु मेने कहा क्या फायदा वो उधर आबू धाबी में मैं यहाँ पर कहने के लिए थोड़ी न चाहिए! उसने तपाक से कहा फिर किसलिए चाहिए? मैं झेप गया और फिर मेने उससे उसके बॉय फ्रेंड के बारे में पूछा तो उसने मना किया मेने कहा क्यों झूट बोल रही है मैं कोई बेवकूफ नहीं हु तो वो बोली नहीं यार पहले एक था पर अभी कोई नहीं है मेने कहा क्यों क्या हो गया था तुम्हारे बीच! उसने मुझे जो बोला मुझे विश्वास नहीं हुआ वो बोली वो लिमिट से आगे बढ रहा था मेने कहा मतलब वो बोली यार सेक्स में, मेने हैरानी से पूछा – सेक्स में, तेरा मतलब वो तुझसे जिस्मानी सम्बन्ध चाहता था तो वो बोली नहीं यार वो तो थे उसके मुह से बेबाक बाते सुन कर मैं हैरान था और वो बोले जा रही थी यार वो आगे की जगह पीछे करना चाहता था मेने मना किया तो फ़ोर्स करने लगा और हमारा ब्रेक अप हो गया! अपनी बहन के मुह से ऐसी बाते सुन कर मैं जिधर हैरान था वही मेरा लंड तन कर उसको सलामी दे रहा था! तभी जोर से बारिश शुरू हो गई
बारिश शुरू हो गई थी बारिश एकदम से बहुत तेज शुरू हुई थी पेड़ बड़ा था पर फिर भी पानी हमारे ऊपर आ रहा था मेने सबसे पहले चद्दर समेट कर एक थैली में डाल दी! बारिश में हम दोनों भीगने लगे रीटा ने कहा चल अब तो भीग ही रहे है अब पानी में चलते है और हम दोनों नदी में चले गए क्युकी वो बरसाती नदी थी इसलिए वो ज्यादा गहरी नहीं थी उसका पानी बस हमारे सीने तक ही आ रहा था ऊपर से बारिश हो रही थी हम दोनों ने पानी में मस्ती शुरू कर दी! हम दोनों ने एक दुसरे पर हाथ से पानी फेकना शुरू किया मैं तेज तेज कर रहा था इसलिए यह रीटा को हार की तरह लगा और वो झट से पानी में अन्दर गई और तेर कर मेरे पीछे से निकली और मेरे पैर खीच कर मुझे गिरा दिया और जोर जोर से हसने लगी! मैं भी किधर पीछे रहता मैं भी उसे गिराने की कोशिश करने लगा पर वो संभल रही थी इसी सब में मेरा हाथ उसके बूब्स पर लगा उसका टॉप थोडा सा पतला था इसलिए वो पानी में ऊपर उठ रहा था मैं उसके पीछे गया और उसे पीछे से पकड़ लिया अब मेने उसके सपाट पेट को पकड़ा हुआ था और उसे उठा कर पटक दिया फिर वो मुझे पकड़ कर गिराने लगी इन सब के बिच मैं जानबूझ कर उसके बूब्स और उसकी गांड को भी छू रहा था हम करीबन 20-25 मिनट तक युही मजे करते रहे उसके बाद बारिश रुक गई और धुप निकल गई हम भी नदी से निकल कर बाहर आ गए!
रीटा ने मुझे कहा अब क्या कहेगा घर पर? मैं चुप रहा क्युकी मेरा ध्यान उसके भीगे हुए शरीर पर था उसने सोचा की मैं डर रहा हु तू वो बोली देख धुप तेज है क्यों ना हम अपने कपडे थोड़ी देर के लिए सुखा दे लगभग आधे घंटे में सूख जायेगे बाकि हम बाईक पर जायेगे उस पर सूख जायेगे! मेने उसे कहा और जब तक हम कपडे सुखाये तब तक क्या पहने तेरा सर? इधर कोई कमरा भी नहीं है। रीटा ने कहा क्या फर्क पड़ता है बस हम दोनों ही तो है और आधे घंटे की बात है ज्यादा मत सोच, घर पर दिक्कत हो जाएगी उससे बचने का एक ही रास्ता है। मुझे लगा ये बात तो सही है सो मेने शर्ट उतर दी मैं बनियान नहीं पहनता अब जींस खोलने लगा तभी मुझे ध्यान आया की मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर मैं खुद पे हंसा क्युकी इसी कारण से मेने सुबह ही चड्डी की जगह सिर्फ बॉक्सर पहना था और मेने जींस खोल दी दोनों को सूखने के लिए दीवार पर डाल दिया। अब मैं पलटा और मेरी नज़र रीटा पर गई वो मेरी तरफ पीठ करके कड़ी थी और शायद अपने टॉप के बटन खोल रही थी उसने अपना टॉप उतार दिया मुझे उसकी पीठ नज़र आ रही थी जिस पर सिर्फ पतली डोरी सी थी जो की उसकी ब्रा की थी ये देखते ही मेरा लंड ने बॉक्सर को तम्बू बना दिया। रीटा का ध्यान नहीं था मेरी तरफ वो दूसरी तरफ मुह किये हुए थी तभी उसने अपने हाथ जींस पर रखे मेरे लंड की हरकत ने बता दिया की अब वो जींस उतरने वाली है ……..
बारिश शुरू हो गई थी बारिश एकदम से बहुत तेज शुरू हुई थी पेड़ बड़ा था पर फिर भी पानी हमारे ऊपर आ रहा था मेने सबसे पहले चद्दर समेट कर एक थैली में डाल दी! बारिश में हम दोनों भीगने लगे रीटा ने कहा चल अब तो भीग ही रहे है अब पानी में चलते है और हम दोनों नदी में चले गए क्युकी वो बरसाती नदी थी इसलिए वो ज्यादा गहरी नहीं थी उसका पानी बस हमारे सीने तक ही आ रहा था ऊपर से बारिश हो रही थी हम दोनों ने पानी में मस्ती शुरू कर दी! हम दोनों ने एक दुसरे पर हाथ से पानी फेकना शुरू किया मैं तेज तेज कर रहा था इसलिए यह रीटा को हार की तरह लगा और वो झट से पानी में अन्दर गई और तेर कर मेरे पीछे से निकली और मेरे पैर खीच कर मुझे गिरा दिया और जोर जोर से हसने लगी! मैं भी किधर पीछे रहता मैं भी उसे गिराने की कोशिश करने लगा पर वो संभल रही थी इसी सब में मेरा हाथ उसके बूब्स पर लगा उसका टॉप थोडा सा पतला था इसलिए वो पानी में ऊपर उठ रहा था मैं उसके पीछे गया और उसे पीछे से पकड़ लिया अब मेने उसके सपाट पेट को पकड़ा हुआ था और उसे उठा कर पटक दिया फिर वो मुझे पकड़ कर गिराने लगी इन सब के बिच मैं जानबूझ कर उसके बूब्स और उसकी गांड को भी छू रहा था हम करीबन 20-25 मिनट तक युही मजे करते रहे उसके बाद बारिश रुक गई और धुप निकल गई हम भी नदी से निकल कर बाहर आ गए!
रीटा ने मुझे कहा अब क्या कहेगा घर पर? मैं चुप रहा क्युकी मेरा ध्यान उसके भीगे हुए शरीर पर था उसने सोचा की मैं डर रहा हु तू वो बोली देख धुप तेज है क्यों ना हम अपने कपडे थोड़ी देर के लिए सुखा दे लगभग आधे घंटे में सूख जायेगे बाकि हम बाईक पर जायेगे उस पर सूख जायेगे! मेने उसे कहा और जब तक हम कपडे सुखाये तब तक क्या पहने तेरा सर? इधर कोई कमरा भी नहीं है। रीटा ने कहा क्या फर्क पड़ता है बस हम दोनों ही तो है और आधे घंटे की बात है ज्यादा मत सोच, घर पर दिक्कत हो जाएगी उससे बचने का एक ही रास्ता है। मुझे लगा ये बात तो सही है सो मेने शर्ट उतर दी मैं बनियान नहीं पहनता अब जींस खोलने लगा तभी मुझे ध्यान आया की मेरा लंड खड़ा हो गया तो फिर मैं खुद पे हंसा क्युकी इसी कारण से मेने सुबह ही चड्डी की जगह सिर्फ बॉक्सर पहना था और मेने जींस खोल दी दोनों को सूखने के लिए दीवार पर डाल दिया। अब मैं पलटा और मेरी नज़र रीटा पर गई वो मेरी तरफ पीठ करके कड़ी थी और शायद अपने टॉप के बटन खोल रही थी उसने अपना टॉप उतार दिया मुझे उसकी पीठ नज़र आ रही थी जिस पर सिर्फ पतली डोरी सी थी जो की उसकी ब्रा की थी ये देखते ही मेरा लंड ने बॉक्सर को तम्बू बना दिया। रीटा का ध्यान नहीं था मेरी तरफ वो दूसरी तरफ मुह किये हुए थी तभी उसने अपने हाथ जींस पर रखे मेरे लंड की हरकत ने बता दिया की अब वो जींस उतरने वाली है!…..
रीटा ने अपनी टाईट जींस को धीरे धीरे से उतारना शुरू किया उसकी जींस इतनी टाईट थी की उसकी पेंटी भी थोड़ी सी नीचे हो गई मेरा लंड अब मेरे बॉक्सर को बम्बू बन कर तम्बू बना चूका था अब मेरा हाथ अपने लंड को सहला रही थी और नजर रीटा की नंगी होती जवानी को, मेने ऊपर से लंड पकड़ रखा था! रीटा ने जींस उतारना रोका और पेंटी को ऊपर खींचा और फिर से जींस उतारने लगी जैसी ही उसकी जींस जांघो तक आई मेरी आँखे फटी रह गई उसकी पेंटी नेट वाली थी जिस पर एक फूल था जो उसकी गांड के छेड़ को छुपा रहा था बाकि उसके रसीले पिछवाड़े नजर आ रहे थे, वो जींस को उतारने के लिए निचे झुकी और मेने बॉक्सर में हाथ डालकर लंड हिलाना शुरू कर दिया! तभी वो एक दम से पलटी और उसने मुझे मुठ मारते देखा और बोली : कमीने हरामी मैं तेरी बहन हु। ये सुन कर मैं होश में आया और मेरा लंड जोश खोने लगा मुझे लगा की वो बुरा मान गई है। तभी वो हंसी और बोली : मैं समझती हु तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं और पहली बार किसी लड़की को देख रहा है चल मार ले मुठ मुझे देख कर। यह सुनते ही मेरे लंड में फिर से जोश भर गया और मैं उसके पास गया और घुटने के बल बैठ गया और उसकी पेंटी में से गांड और चूत देखने लगा मैं आपको बता दू उसने नेट वाली पेंटी पहनी थी जो की बहु छोटी थी उस पर आगे की तरफ एक कपडा था जो उसकी चूत को छुपा रहा था और वो सिर्फ उसकी चूत को कवर करते हुए पीछे भी उतने ही हिस्से मे थी यानि उसके चुतड पेंटी से बहार थे मैं उनको आँखे फाड़ के देख रहा था तभी वो बोली : ऐसे क्या देख रहा है खा जायेगा क्या और हसने लगी फिर बोली चल तू क्या याद रखेगा चल छू ले पर सिर्फ पीछे से आगे छूने की कोशिश की तो मैं कभी तुझसे बात नहीं करुगी मेने बिना कुछ बोले अपना हाथ उसके चुतड पे रख दिया और उनको सहलाने लगा उन पर अपने हाथ फिरने लगा और फिर अपना मुह उसके चुतद पे लगा दिया
उसके मुह से एक सिसकारी निकली और उसके पुरे बदन में एक हरारत हुई मैं अपने काम पे लगा हुआ था तभी मेने अपना हाथ को पेंटी में डाला तो उसने अपने चुतड पीछे की तरफ कर दिए मैं समझ गया अब उसको मजे आने लगे है और वो बहक रही है मेने जैसे ही अपनी ऊँगली को उसकी गांड में डालने लगा वो जोर से चीखी और दूर खिसक गई! वो बोली: तुझे मना किया था मेरी गांड में क्या कर रहा था अगर तुझे छूना है तो ठीक वरना दूर रह मुझसे।
अब मैं पीछे नहीं हटने वाला था मैं जानता था की अगर अभी नहीं तो कभी नहीं, मुझे अपनी गलती का भी अहसास था की वो गांड मरवाने के लिए तैयार नहीं है और अब हर काम उसकी रजामंदी से और सोच कर करना था। मेने उसे सॉरी बोला और सॉरी के बहाने उसके गालो को चूमने लगा वो बोली ओके अब छोड़ मुझे मेने कहा एक बार और प्लीज उसने कहा ओके। मैं उसके चहरे से अपना मुह सिर्फ 1 इंच पीछे किया और धीरे से निचे बैठने लगा मेरी सासे उसके बदन पर पद रही थी जो उसे उत्तेजित कर रही थी मैं जैसे ही उसके बूब्स पे पंहुचा मुझे बूब पर वो लिखा हुआ याद आ गया जो की नाम मात्र का बहार दिख रहा था मेने अपना हाथ उसके बूब पर रखा और पुचा तूने बूब्स पे टैटू बनवाया है उसने कहा नहीं मेने झट से उसके बूब को बहार निकल लिया और कहा ये क्या है उसने कहा ये तो मेने पेन से लिखा था मेने कहा मुझे तो ये टैटू ही लगा रहा है, वो बोली: नहीं ये मिट सकता है मैं तो बस इसी का इन्तेजार कर रहा था और उसके बूब को निप्पल से पकड़ कर खींचा और दुसरे हाथ से मिटने लगा और वो मेरी इस हरकत से फिर से उतेज्जित हो गई कुछ देर बाद मेने कहा ये ऐसे नहीं उतरेगा और उसके बूब को मुह में भर लिया जैसे की मैं उसे गिला कर के मिटा रहा हु अब मेने अपनी जीभ को उसके बूब पर फिरना शुरू किया तो उसने जोर जोर से सिस्कारिया लेने शुरु कर दी और अपने हाथ से मुझे अपने बूब पर दबाने लगी मुझे समझ आ गया की वो बहक चुकी है तो मेने एक निप्पल को चूसने शुरू कर दिया और दुसरे बूब के निप्पल को हाथ से निचोड़ने लगा। फिर उसने ही अपने हाथ पीछे करके अपना ब्रा खोल दिया ताकि मुझे दिक्कत ना हो।
मेने अब आगे बढने की सोची और एक हाथ जो खाली था उसे उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत पर रखा वो झट से पीछे हो गई, मुझे लगा गई भेंस पानी में शायद फिर से जल्दी कर दी और अब कुछ हाथ नहीं आएगा। वो बोली : हरामी कमीने स्सरे मजे खुद ही ले ले, चल निकाल अपना लंड और मुझे होठो पर जोर जोर से चूमने लगी क्या मजा आ रहा था मैं उसके चुतड और बूब को हाथो से मसल रहा था करीब 5-10 मिनट बाद हम अलग हुए वो झट से मेरे लंड पर टूट पड़ी और उसे कैद से आजाद कर के मुह में ले लिया और चूसने लगी ये आज तक की सबसे बहतरीन फीलिंग थी। थोड़ी देर में मैं उसके मुह में ही छुट गया उसका मुह मेरे वीर्य से भर गया और वो उसे मजे से पी गई फिर उसने अपनी पेंटी उतारी तो मेने देखा उसकी चूत बिलकुल साफ़ थी रात की तरह झाते नहीं थी वो बोली चल चूस मैं आज्ञाकरी की तरह उसके पैर में बैठ कर उसकी चूत चाटने लगा वो बहुत जोर से चिलाने लगी : हाँ ऐसे ही चूस ले कामिनी बहुत दिन से आग लगी है आज ठंडी कर देना मुझे। मेरा लंड जो अभी उसने झाड़ा था फिर से सर उठा चूका था वो भी जल्द ही झड गई अब मेने उसे लेता दिया और उसे छोड़ने के लिए उसपे चड़ने लगा। पर मेरी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था कोई लोगो की आवाज आने लगी यह सुन कर वो झट से उठ गई क्युकी दीवार तीन तरफ ही, वो झट से अपने कपडे उठा कर पेड़ के पीछे चली गई और कपडे पहनने लगी। मेने देखा की कुछ लोग नदी के पार आकर कुछ करने लगे और मैं उनके जाने का इंतज़ार करने लगा पर वो उधर ही बैठ कर ताश खेलने लगे। मैंने भी अपने कपडे पहने और उनको गाली देने लगा मैं जैसे ही पेड़ के पीछे गया उसने मुझे चूमा और बोली चल गुस्सा मत कर फिर कभी कर लेना, देख ये जगह ठीक नहीं है। मैं खुश हो गया की चलो वो तैयार है चुदाने के लिए और हम फिर से घर के लिए निकल पड़े।
घर के रस्ते में रीटा मुझसे चिपक कर बैठी रही उसके हाथ मेरे लंड को सहला रहे थे जैसे ही घर पहुचे पापा गेट पर हमारा इंतज़ार कर रहे थे। पापा ने मुझे कहा : किधर रह गए तुम और मोबाइल क्यों नहीं उठा रहा था मेरा? मेने कहा सॉरी पापा मोबाइल इसके बैग में रख दिया था तो आवाज सुनाई नहीं दी। पापा ने कहा: चलो दोनों जल्दी से अपना सामान पैक करो तुम दोनों को अभी 8 बजे प्लेन से मुंबई जाना है। मैं और रीटा दोनों हैरान थे और एक दुसरे को देख रहे थे तभी पापा ने कहा : अबू धाबी से मोसा जी का फ़ोन आया था कल इसका इंटरव्यू है तो मेने तुम दोनों का इन्तेजाम कर दिया है तुम रात को 10 – 10.30 बजे मुंबई होगे उधर ही कोई होटल ले लेना और सुबह इसको कॉलेज में इंटरव्यू दिला देना। मेने कहा ठीक है और अन्दर आकर सामन पैक करने लगा। रात को पापा ने हमे प्लेन में बैठा दिया। मैं थोडा सा उदास था ये देख कर रीटा ने पूछा क्या हुआ मैं बोला आज तो दिन ही ख़राब है सारे प्लान ख़राब हो गए पहले फार्म पे इतना अच्छा मौका था वो निकला अब ये सब। इस पर रीटा ने मुझे कहा: तू पागल है मेरे भाई फार्म पर जो हम कर रहे थे वो तो हम कभी भी कर सकते है जब मौका मिले तब और ये तो अच्छा है ना अब हम 3-4 दिन अकेले रहेगे तो रोज रात को मजे करेगे बिना किसी की रोक टोक के और तू है की मुह लटका रहा है। मेने कहा पर मैं तेरे साथ ट्रेन में जाना चाहता था क्युकी मेने ट्रेन सेक्स की बहुत कहानी पड़ी है मैं भी वही करना चाहता था। वो बोली उधर कोई आता ही नहीं जैसे, चल अब छोड़ उन बातो को।
हम मुंबई पहुचे और पास ही मैं एक होटल ले लिया कमरे में जाते ही मेने रीटा को पकड़ लिया और उस पर टूट पड़ा। रीता ने कहा: जानू पहले खाना आर्डर कर दे फिर हमे कोई तंग नहीं करेगा मैं जल्दी से उठा और एक तंदूरी चिकन और दाल नान का आर्डर दे दिया, तभी रीटा ने मुझसे फ़ोन लिया और लेमन पाई और एक वोडका का आर्डर दे दिया और मुझे बोली आज तुझे मैं ट्रेनिंग देती हु और मेरे होठो पर चूम लिया। फिर टीवी देखने लग गई मैं जैसे ही उसके पास पंहुचा तो बोली अभी वेटर आ जाये उसके बाद मेरी जान। उसके मुह से जान और जानू शब्द सुन कर मैं अपना कण्ट्रोल खो रहा था।
करीबन आधे घंटे में खाना आया और जैसे ही वेटर गया रीटा ने मुझ पर झपटा मारा और मेरे होठो को ऐसे चूसने लगी जैसे काट कर खा ही खाएगी। उसने अपने स्सरे कपडे उतार के फेंक दिए अब वो मेरे सामने मादरजात नंगी कड़ी थी अब मैं उस पर भूखे भेदिये सा चढ़ गया मेने उसके उसके बूब्स को मुह में लेकर काटना और चुसना शुरू कर दिया और उसके मुह से सिस्कारिया निकलने लगी। मेने अपनी उंगली जैसी ही उसकी चूत में डाली उसके मुह से अजीब सी आवाजे निकलने लगी और वो मुझे धक्का दे कर बेड पर लेट गई और अपनी टाँगे फेला दी और मुझे अपनी चूत की और इशारा कर के बुलाने लगी मैं झट से उसकी चूत को अपनी जीभ से छोड़ने लगा, कभी कभी मैं उसकी चूत के फूल को काट भी लेता। रीटा के मुह से उह्ह आह्ह्ह और तेज बहनचोद फाड़ दे मेरी, पूरा पानी चूस ले उह्ह्ह अहह उह्ह्ह निकल रही थी करीबन 5 मिनट बाद उसने पानी छोड़ दिया, मुझे उसका पानी खारा लगा और जैसे ही मैं हटने लगा उसने मेरा सर पकड़ के अपनी चूत पर टिका दिया और मुझे उसका सारा पानी पीना पड़ा वो बोली : भडवे ये तेरे पिने के लिए है अमृत छोड़ के किधर जा रहा है जैसे ही मैं उसकी चूत पर से हटा उसने मुझे निचे पटक दिया और मुझ पर सवार हो गई और मेरे लंड को लोलीपोप की तरह से चूसने लगी कभी कभी वो मेरे कंचो को भी मुह में भर के चूसती मुझे ऐसा लग रहा था की बस वो मुझे पूरा ही चूस जायेगी और मैं भी जल्दी झड गया वो मेरा सारा वीर्य पी गई फिर अपनी जीभ से मेरा लंड साफ़ कर दिया। मेने जैसे ही कंडोम की तरफ हाथ बढ़ाया उसने कहा मादरचोद सारी रात क्या गांड मरवानी है चल उठ और कुछ खाते है।
मेने प्लेट में खाना डाला और उसने वोडका के पेग बना लिए हमने एक एक जाम उठाया और चियर्स किया मैं जैसे ही पिने लगा उसने कहा ऐसे तो अपने दोस्तों के साथ पीना आज मैं तुझे दुसरे तरीके से पीना सिखाती हु। उसने एक घूंट अपने मुह में लिया और फिर अपने होठ मेरे होठो से मिला दिए मुझे सारी वोडका पिला दी मैं आपको बता नहीं सकता कितनी नशीली थी वो वोडका। हमने वो जाम ऐसे ही एक दुसरे को पिलाया फिर उसने मुझे पीठ को दिवार पे टिका कर थोडा सा टेडा कर दिया अब मेरे सीने पर धीरे से वोडका डाली जो पेट से बहती हुई मेरे लंड से टपकने लगी और वो मेरा लंड मुह में लेकर वोडका और मेरे लंड का मजा साथ में लेने लगी। फिर मेने भी ऐसे ही किया उसके बाद मेने पेस्ट्री उठाई और उसके पुरे बदन पर मल दी फिर उसके पूरे शरीर को चाटने लगा। वो बोली : बहनचोद बड़ी जल्दी सीख गया। जब मेने पूरा बदन चाट लिया तो वो बोली मुझे पूरा चिपचिपा कर दिया, मेने उसे उठाया अब वो मेरी गोद में थी मेने उसे बाथरूम में टब में डाल दिया और उसके शरीर पे साबुन मलने लगा फिर फिर वो कड़ी हो गई मेने अपने हाथो में साबुन लगाया और उसकी चूत साफ़ करने लगा वो बोली ये हाथ से नहीं ( मेरा लंड पकड़ कर ) इस साब से साफ़ होगी मेने झट से सारा साबुन लंड पर मला और घुसेड दिया। रीटा के मुह से एक जोरदार चीख निकली और वो मुझसे लिपट गई। मेने उसे कहा: रंडी चीख तो ऐसे रही जैसे पहली बार चुद रही हो? वो बोली : मादरचोद खड़े होकर पहली बार चुदवा रही हु और तूने इतनी तेज डाला की चीख निकल गई। उसकी बात सुन कर मैं जोश में आ गया और उसे जोरदार धक्के मरने लगा वो तेज तेज उह्ह्ह अह्ह्ह हननं उह्ह्ह मजा आ गया उह्ह्ह्ह वहहह उह्ह्ह्ह और तेज उह्ह्ह्ह करने लगी। मैं दस मिनट तक लगा रहा वो इस बीच में दो बार झड गई। फिर उसने कहा लेट कर करते है ना पैर में दर्द हो रहा है। मैं बोला: अब चाहे यमराज भी आ जाये जब तक छुट नहीं जाता लंड तेरी चूत से बहार नहीं निकलने वाला। इतना बोलते ही वो मुझसे लिपट गई और पेरो को मेरे पेरो पर लपेट लिया और बोली: अब तो चल मेरे चोदु राजा। मेने अपने दोनों हाथो से उसकी गांड की दोनों फांको को पकड़ा और एक उंगली उसकी गांड के छेद पर टिका दी और बाहर आने लगा। मैं जैसे ही चलता वो फिसलती और मेरा लंड बहार आने को होता मैं अपनी ऊँगली गांड में डाल देता वो झटका खा के उछलती और मेरे लंड को अपनी चूत में घुसा लेती ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं कोई 10 कदम चला था वैसे और कम से कम 8 बार मेने यु किया था। बहार आते ही मैं उसे कालीन पर ले कर लेट गया और खूब चोदा। वो भी अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ दे रही थी मेरा मुह उसके बोबो से भरा हुआ था जिन्हें मैं धीरे से काट रहा था। 2 मिनट बाद मैं फारिग होने वाला था सो मेरा शरीर अकड़ने लगा। मैं उसके बोबे जोर से काटने लगा वो चीख भी रही और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून भी चुभा रही थी अगले ही मिनट में हम दोनों एक साथ झड गए। हम जैसे ही एक दुसरे अलग हुए फिर एक दुसरे के चिपक गए और एक दुसरे के होठ चूसने लगे। पूरा कमरा एक अजीब सी पर मदहोश करने वाली खुशबु से महक रहा था।
रात को हम दोनों नंगे ही सो गए। सुबह जब मैं जागा तो रीटा मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी मेरा एक हाथ उसके बूब के ऊपर था और उसकी गांड मेरे सोये हुए लंड से कुछ इंच दूर थी उसकी गांड देखते ही लंड अपनी औकात पर आ गया और मैं भी मेने उसके बूब को दबाना और मसलना शुरू किया और अपने लंड को उसकी गांड पर घिसने लगा। वो भी मेरी हरकत से जाग गई और उसे जैसे ही मेरे लैंड का अहसास हुआ वो मुझसे छिटक कर दूर हो गई। वो मुझ पर चिल्लाई : बहनचोद पता नहीं गांड में क्या मिलता है तुम सब हरामियो को? मैं यह सुन कर मुस्कुरा दिया और मेने पूछा : सति सावित्री जी आप क्यों गांड बचा रही हो, हम हरामियो के बिना आपका गुजरा भी नहीं होता और हमारा गांड के बिना तो हमे गांड दे दो और मजे लूटो। वो कुछ नहीं बोली और खड़ी होकर बाथ गोऊन पहन लिया जो सिर्फ आगे से एक डोरी से बंधता था। वो उसी में बालकनी में चली गई मैं भी बॉक्सर पहन कर उसके पास गया और उसे पीछे से पकड़ लिया और अपना लंड उसकी गांड पर लगा दिया बस अबकी बार घिसा नहीं और उसके बूब्स को हाथो से मसलने लगा। मेने उसे कहा : जानेमन नाराज हो गई क्या? वो बोली : मुझे गांड मरवाने से डर लगता है क्युकी मेरी एक दोस्त ने गांड मरवा ली थी तो दो दिन तक सीधी चल भी नहीं पायी थी और उसकी मम्मी को शक हो गया और वो पकड़ी गयी, कुछ ही महीनो में उसकी शादी हो गई और ये मैं नहीं चाहती। मेने उसे कहा : तुम अभी तो मरवा सकती हो क्युकी हमारे सिवा कोई और नहीं है और दो दिन कम से कम हमे यही रुकना है। वो पलट कर बोली : गांड मारे बिना नहीं मानेगा पर एक शर्त है मेने कहा क्या? तो वो बोली : मुझे एक बिकनी पसंद आई थी पर वो 3500/- हजार की थी तो मैं नहीं ले पाई वही दिला दे। मेने कहा ठीक है और उसकी गांड पर हाथ रख दिए वो फिर मुझसे दूर होकर बोली पहले कॉलेज चल और फिर बिकनी दिला उसके बाद।
हम दोनों कॉलेज गए उसका एडमिशन एक दिन में ही हो गया। वो घर पर कॉल करने लगी मेने उसे रोक दिया और कहा गांड मरवानी बाकि है मेरी जान वो मुस्कुरा दी। फिर हम एक मॉल में गए और उसने अपनी पसंद की बिकनी ले ली मेने पैसे दे दिए। वो बोली : अब घर पे क्या कहेगा? मेने कहा : कहना क्या है मम्मी ने कहा था की दो रूम लेना तो उसके पैसे काम आ गए।
हम होटल में आये और वो सीधे बाथरूम में घुस गई और जब वो बाहर निकली वो किसी भी मॉडल से ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही थी। मैं उस पर भूखे शेर की तरह झपट पड़ा और उसको चूमने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी। मेने उसके दोनों बूब्स को रगड़ना शुरू कर दिया। उसने मेरी शर्ट के बटन तोड़ दिए और झुक कर मेरे सीने को चूमने लगी और मेरी निप्पल को दांतों से काटने लगी। मेने अपने हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा उतार दी और उसे घुमा दिया। मैं उसकी गांड पर अपना लंड रगड़ना लगा। हमारे बीच में उसकी पेंटी और मेंरी पेंट थी पर हम दोनों एक दुसरे को फील कर रहे थे। उसने मेरी पेंट उतार दी मेने चड्डी नहीं पहनी थी उसने मेरा लंड पकड़ा और मुझे बाथरूम में ले गई। उसने बाथटब पहले से ही तैयार करा हुआ था वो उसमे चली गई। होटल में बाथटब ना होकर एक छोटे से पूल की तरह था जिसमे दो तीन लोग आराम से मजे कर सकते थे। हम दोनों बाथटब में थे और एक दुसरे के जिस्म को आपस में रगड़ रहे थे तभी मेरा लंड उसकी पेंटी में फस गया मेने झट से उसकी पेंटी उतार दी और उसकी गांड में लैंड घुसाने लगा उसने मुझे रोका और कहा : पहले गांड में अच्छी तरह से साबुन लगा दे ताकि मुझे कम दर्द हो। मेने हाथ में साबुन लेकर उसकी गांड के फूल पे मसलने लगा और फिर उंगली से धीरे धीरे गांड के अन्दर भी। उसने भी हाथ में तेल लेकर मेरे लंड पर लगा दिया। थोड़ी देर में वो मुझसे थोड़ी दूर हुई औए दिवार के सहारे गई और झट से निचे झुक गई। अब उसकी गांड मेरे सामने थी मेने भी आव देखा ना ताव और उसकी कमर को कास के पकड़ कर अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और एक झटका दिया। मेरा लौड़ा आधा उसकी गांड में था और उसकी एक जोर दार चीख निकली जिसे उसने जल्दी से रोक लिया। वो बोली: बहुत दर्द हो रहा है निकाल ले। मेने कहा अब तो जितना दर्द तुझे सहना था सह लिया अब मजे ले। मेने देखा उसकी गांड से खून निकल रहा था पर मेने उसकी गांड मारनी चालू रखी। जल्द ही उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी अपनी कमर को हिला कर। जल्द ही मैं उसकी कसी हुई गांड में झड गया और अपना लंड निकाला मेरा लंड उसके खून से लाल था और बहुत तेज दर्द कर रहा था। उसकी भी हालत बुरी थी हम दोनों जैसे तैसे बिस्तर तक पहुचे और सो गए। रात को करीब 10 बजे मेरी आँख खुली मेने उसका हाल पुछा तो वो बोली : चलने में दर्द हो रहा है मेने कहा तू आराम कर मैं खाना लेकर आता हु। हम दोनों ने खाना खाया और फिर सो गए। अगली सुबह भी उसको दर्द था पर जिसके कारण हम दोनों उस ट्रिप पर फिर से सेक्स नहीं कर सके।
रीटा अब मुंबई में ही थी। मेने कुछ महीनो के बाद उससे मिलने का प्रोग्राम बनाया और मुंबई पहुच गया। मैं जैसे ही उसके घर पंहुचा तो मैं आवाक रह गया उधर मेरी मामा की लड़की नेहा आई हुई थी वो हम दोनों से 2 साल बड़ी थी और वो इतनी सुन्दर थी की मुर्दा भी उसको चोदने के लिए जिन्दा हो जाये। मैं तो कब से उसे चोदना चाहता था पर वो बड़ी थी और कोई मौका भी नहीं मिला था। मैं तो ये सोच कर गया था की जाते ही रीता की एक बज्जी ले कर रहूगा। मैं पूरी तरह से तैयार था पर नेहा को देखते ही सारा फितूर उतर गया और मैं अन्दर गया। मैं आप सब को बताना भूल गया की रीता एक फ्लैट किराये पर ले कर रह रही थी और उसके साथ उसकी 1 सहेली और थी जो कुछ दिनों के लिए घर गयी थी इसलिए ही मैं मुंबई आ गया था मजे करने ……… पर अपने नसीब में मजे नहीं थे।
मैं अन्दर गया और नेहा से बोला : रीटा किधर गई है और तुम कब आई?
उसने मुझे बताया की वो आज सुबह ही आई है और रीटा अपनी किसी सहेली को छोड़ने गई है। मैं समझ गया की वो अपनी रूममेट को ही छोड़ने गई होगी।
मैं : नेहा, तुम कितने दिन के लिए आई हो तो उसने कहा मैं 15-20 दिन मुंबई में रुकने वाली हु। अब मेरी बची खुची उम्मीद भी टूट गई और मेरा चेहरा उतर गया पर नेहा की बात जारी थी।
नेहा :- मुझे मुंबई में ऑफिस का काम है इसलिए इधर आई हु और शायद मुझे कल ही ऑफिस की तरफ से गेस्ट हाउस मिल जाए।
यह सुनते ही मेरे लंड ने फिर से सपने सजाने शुरू कर दिए थे तभी रीटा घर में आई और मेरे गले लग गई। हम दोनों कई महीनो के बाद मिले थे और इस बार के लिए दोनों ने ही कई सारे प्लान बनाये थे और दोनों ही जानते थे की नेहा के रहते ये पुरे नहीं हो सकते। वो जल्दी से मुझसे अलग हो गई पर मैं नहीं होना चाह रहा था। तभी नेहा का फ़ोन बजा और वो दुसरे कमरे में चली गई। उसके जाते ही मेने रीटा से पूछा
मैं : तूने मुझे इसके बारे में क्यों नहीं बताया ?
रीटा : मुझे भी किधर पता था वो आज सुबह ही बिना बताये आ गई मैं भी क्या करती और तुम भी तब ट्रेन में थे तो बताना या ना बताना बराबर था।
मैं : इसने सारे प्लान पर पानी फेर दिया और अब अगली बार तो जल्दी से भी आने की इजाजत नहीं मिलनी। यह कहते हुए मेरा मुह उतर गया।
रीटा : मेरा भी तेरे जैसा हाल है, मुझे भी इधर कोई अच्छा लड़का नहीं मिला और मुझे भी उतनी ही लगी है जितनी तुझे।
तभी नेहा कमरे से बहार आती है,
नेहा : क्या बात कर रहे हो गुपचुप में,
मैं : कुछ नहीं मैं इसे बता रहा था की तुम तो शायद कल ऑफिस के गेस्ट हाउस में चली जाओगी।
नेहा : अरे मेरे प्यारे भाई, मैं कही नहीं जा रही यही रुकुगी तुम दोनों के पास मेने ऑफिस वालो को मना कर दिया (अब मेरी और रीटा की हालत हिरोशिमा और नागासाकी जैसी हो गई बम गिरने के बाद वाली). और तो और मेरा टाइम भी रीटा के कॉलेज टाइम के बराबर है मैं इसको अपने साथ ही कैब में ले भी जाऊगी और फिर वापसी में भी।
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे की उसने बिना लंड के मेरी गांड मार दी हो फिर उसमे निम्बू मिर्च लगा रही हो।
अब हम तीनो साथ में थे पुरे 4 घंटे तक तो मुझे रीता से बात करने का मौका ही नहीं मिला उसके बाद हम पास में ही माँल में घुमने गए थे तब नेहा जब चेंज रूम गई तभी हमारी बात हुई।
रीटा : बहन की लौड़ी, बाप का राज़ समझ कर आ गई वो भी बिना बताये हमारे प्लान की माँ चोदने।
मैं : कैसे भी कुछ करके 1 दिन के लिए कॉलेज ऑफ कर दे ताकि मैं तुझे छू तो सकू।
रीटा : वो नहीं हो सकता मेरे कॉलेज में भी तो अभी असाइनमेंट चल रहे ह
अब मेरा मूड और दिमाग दोनों ही ख़राब हो गए थे। हम लोगो ने बाहर खाना खाया और फिर घर आ गए। अब सोने की बारी आई तो फिर नेहा ने अपनी टांग अड़ा दी और बोली : हम दोनों रूम में सो जाते है तू बाहर हाल में सो जा।
मैं कुछ कह भी नहीं सकता था तो मेने कहा ठीक है और फिर मेने बैग से लैपटॉप निकला और गेम शुरू कर दिया।
रीटा ने कहा : इधर वाई फाई है ला मैं ओं कर दू और मेरा लैपटॉप लेकर बगल में बैठ गई नेहा हमारे सामने थी। रीटा ने उसपे टाइप किया आज तो सोजा कल का कुछ देखते है। मैं भी कोई प्लान बनती हु तू भी बना कुछ तो रास्ता निकलेगा मेरे जानू।
फिर उसने वाई फाई ओं कर के नेहा का हाथ पकड़ा और अन्दर ले गई। रीटा का फ्लैट 1 बेडरूम + हाल ( जिधर मैं अकेला पडा था) था। मेने कई देर तक प्लानिंग करने की कोशिश की कुछ नहीं हुआ फिर मैंने सेक्सी कहानियो की साईट खोल ली और पड़ने लगा। उनमे से एक कहानी थी जिसमे 4-5 अनजान लोग ताश का गेम खेलते है जो बाद में काफी कामुक हो जाता है। मुझे अब कुछ आस दिखाई दे रही थी। मेने अपना लंड बाहर निकला और मुठ मारने लगा। फिर झड गया तो वीर्य को रीटा की सहेली का पजामा जो उधर ही पड़ा था उससे साफ़ करके सो गया सुबह उठा तो देखा 9 बज गए थे और वो दोनों जाने को तैयार थी।
वो दोनों निकल गई मैं भी नहाने धोने चला गया करीबन 1-2 घंटे बाद मेने रीटा को फ़ोन किया और उसे सारी बात समझा दी। और मेने पीछे से अपनी तरफ से तैयारी कर ली और शाम होने का इंतज़ार करने लगा।
नेहा ने रीटा को 4 बजे ले लिया। रास्ते में रीटा ने मेरे कहे अनुसार काम शुरू कर दिया।
रीटा : दीदी, एक बात बताओ क्या आप पीती हो?
नेहा : क्या मतलब?
रीटा : आप शराब पीती हो क्या?
नेहा : क्यों?
रीटा : आज मेरी एक सहेली बोल रही थी की वो कल 4-5 पेग खीच गई और फिर गाडी भी चला ली। मुझे तो वो झूटी लगी मैं तो 3 पेग में ही टल्ली हो जाती हु।
नेहा : हाँ मैं भी इतनी ही ले पाती हु, पर किसी किसी की कैपेसिटी होती है।
रीटा : आज अपन भी ट्राई करे?
नेहा : पागल घर पर वो भी तो है?
रीटा : उसके साथ तो मैं पी चुकी हु उसकी कोई प्रॉब्लम नहीं है।
नेहा : कब पी तुम दोनों ने? और हम सब किधर थे उस वक़्त?
रीटा : अरे जब एडमिशन के लिए आये थे तब। आप लोगी क्या मैं तो आज लगा कर ही रहूगी।
नेहा : चल ठीक आज रात को लेते है बोल कौनसी लेती है?
रीटा : मेरे घर पे बोटल पड़ी है।
घर पर मैं पहले से ही बोटल ले आया था।
रीता : मैं नॉन वेज का भी आर्डर दे देती हु। आप को चलेगा ना?
नेहा : हाँ कोई दिक्कत नहीं पर मेरे लिए वेज आर्डर कर देना।
रीटा ने फ़ोन करके आर्डर दे दिया।
वो घर पे आये घर आते ही रीटा बोली आज तो पार्टी करते है।
मेने नाटक करते हुए नेहा की तरफ देखा। नेहा बोली : इसने मुझे बता दिया है ऐसे क्या देख रहा है।
मेने ग्लास निकाले और रीटा ने बोटल ( मेने उसे जगह बता दी थी). फिर हम बैठे और मेने 3 ग्लास में पेग बनाये और पानी डाल कर पेग तैयार कर दिया।
नेहा : यार मुझे तो कोल्ड ड्रिंक में चाहिए पानी से चढ़ जाती है।
मैं : ले कर आता हु(अपना पेग निचे रखा और खड़ा होने लगा )
रीटा : किधर जा रहा है बैठ निचे, दीदी आप भी ना। उसे पीते को उठा रही हो। पी लो चढ़ भी गई तो बस हम ही तो है क्या घबराना।( ये सब हमने पहले से ही तय कर रखा था )
नेहा : ठीक है। पर मैं कुछ उल्टा सीधा कर दू तो मुझे दोष न देना।
फिर हमने पेग उठाये और चीयर किया। रीटा बोली : एक ही बार में पीना पड़ेगा जो नहीं पिएगा उसको एक पेग एक्स्ट्रा वो भी नीट ….
हम तीनो ने पेग खीच लिया। मैंने दूसरा भी बना दिया और बोला अब आराम से। फिर मेने लैपटॉप पर गाने चला दिए और हम बात करने लगे। तभी खाना भी आ गया। नेहा ने खाना लिया बिल दे दिया। नेहा पहले पेग में ही हिल गई थी पहली बार पानी में वो भी एक साथ …. उसके लिए काफी था। उसकी चाल ने बता दिया था अब मैं और रीटा अपनी कामयाबी पे मुस्कुरा दिए।
फिर करीबन 30 मं तक दूसरा पेग चलता रहा। दुसरे पेग के बाद नेहा पे दारु का सुरूर था पर रीटा क्युकि आये दिन पीती थी वो होश में थी उसने मुझे आँख मारी।
मेने प्लान का दूसरा चरण शुरू किया।
मैं : क्या यार कैसी बोरिंग पार्टी हो रखी है …
नेहा : हाँ यार कुछ करते है ..
रीटा : क्यों ना ताश खेले तीन पत्ती …
मैं और नेहा हाँ सही है।
मेने बेग से ताश निकल ली।
मैं : खेलने से पहले रूल्स …. कोई भी गेम नहीं छोड़ सकता अगर पैसे ख़त्म तो जीतने वाला जो कहे वो करना पड़ेगा। और एक्स्ट्रा पैसे भी नहीं ला सकता सब 200-200 रूपये ले कर बैठगे और पहली चाल 10 की होगी।
रीता और नेहा ठीक है।
गेम शुरू हुआ पहला गेम में सबके पत्ते बेकार थे और सिर्फ 30 रूपये की बोली थी जो j से नेहा ने जीती .
अगली बारी में मेरे और नेहा के पत्ते अच्छे थे।
मेरे पास 2 इक्के थे और उसके पास 2 बेगम तो गेम लम्बा चला और मैं 100 रूपये जीता।
अब नेहा के पास 150 ही बचे थे अगली बारी में मेरे पास फिर 2 इक्के थे और 1 दुग्गी …. मेने 200 की चाल चल दी।
रीटा के पास भी 2 इक्के थे और 1 बादशाह उसने मुझे हरा दिया। अब मेरे पास सिर्फ 90 रूपये बचे थे और नेहा ने पेक कर दिया था उसके पास 140 थे।
अगली बाजी में नेहा जीती ….. कुछ देर तक युही चलता रहा फिर मैं अपने सारे पैसे रीटा से हार गया।
अगली बारी फिर मैं हारा और नेहा जीत गई। अब नेहा को मुझे सजा देनी थी।
नेहा : तू मुर्गा बन जा …
मैं : ये क्या है मैं नहीं बनता (मेरी चाल थी)
रीटा : करना तो पड़ेगा रूल तूने ही बोला था चल बन जा …..
मैं गया और 1 मिनट के लिए मुर्गा बन गया। नेहा कुकड़ू कू बोल
मैं : मुर्गा गुंगा है।
फिर गेम शुरू हुआ मेने कहा नेहा तुझे मैं देख लुगा। अबकी बार मैं जीता मेरे पास फिर से 40 रूपये थे।
अगली बाज़ी में मेरे पत्ते खराब थे सो मेने पेक कर दिया।
पर नेहा के पास इक्का बादशाह और बेगम थी उसने आल इन कर दिया।
रीटा के पास भी यही थ पर कलर में वो जीत गई।
अगली बाज़ी फिर मैं जीता और सबसे गंदे पत्ते नेहा के थे। अब मेरी बारी थी बदला लेने की मेने कहा : नेहा अब तुझे ये मुर्गा खाना पड़ेगा और उसे चिकन का एक टुकड़ा दे दिया। (मुझे रीटा ने sms पर बता दिया था की उसे नॉन वेग नहीं चलता)
नेहा : मैं नहीं खाती ये सब ….
मैं : मैं भी मुर्गा नहीं बनता था पर बना था ना …
रीटा : यार कुछ और करवा ले …
मेने कहा मुझसे कोई रियायत नहीं बरती गई इसलिए मैं भी कोई रियायत नहीं बरतने वाला।
रीटा ने भी अपना दांव खेला और नेहा को बोल खा लो थोडा सा ये नहीं मानाने वाला और नेहा को कान में बोल सिर्फ मुह से अड़ा ले और इसकी खबर अपन दोनों लेते है। नेहा ने जैसा रीटा ने कहा वैसा ही किया।
अब गेम फिर से शुरू हुआ और अबका गेम रीटा ने जीता और मेने हारा, रीता ने कहा अपना एक कपडा उतार दो।
मेने चोकने का नाटक किया और बोल : क्या??????
रीटा : हाँ अब हम तुझे नंगा कर देगे।
मैं : ये तो चीटिंग है, दोनों मिलकर मेरे खिलाफ खेल रही हो।
नेहा : नहीं हम सिर्फ गेम खेल रहे है और अलग अलग,,,,,,, तू नाटक मत कर और कपडे उतार
मैं यही चाहता था और मेने शर्ट उतार दी।
अगली चाल फिर से रीटा ने जीती और नेहा को बोला अब तुम्हारी बारी।
नेहा ने उसकी तरफ हैरानी से देखा तो रीटा ने आँख मार दी। अब नेहा ने अपनी चुन्नी उतार दी।
फिर से चाल चली और इस चाल में मैं जीता, पर रीटा अपने सारे रूपये हार गई और अब हर चाल सिर्फ डेयर की होनी थी।
अगली चाल में मैं फिर जीत गया और मेने रीटा को बोला अब तुम्हारी बारी है उतारो कपडे हमारे उतावाये थे ना। क्यों नेहा।
नेहा : हाँ अब उतार।
रीटा ने अपने नाईट सूट का टॉप उतार दिया और नेहा का मुह खुला का खुला रह गया। रीटा अब मेरे और नेहा के सामने सिर्फ ब्रा में थी और उसकी ब्रा इतनी छोटी और सेक्सी थी कि उसके बूब्स बाहर आ रहे थे। मेरा लंड झटके से खड़ा हो गया।
अब की बार रीता जीती और उसने नेहा को बोला अब तुम्हारी बारी है मेरी जान।
नेहा मना करने लगी तो रीटा ने मुझे कहा भाई इसको पकड़ तो सही मैं इसके कपडे फाड़ देती हु। अपने को नंगा करने में मजे आ रहे थे खुद की बारी आई तो नाटक कर रही है।
नेहा : मुझे शर्म आ रही है और कोई बात नहीं है।
रीटा : ले एक जाम और पी ले। और नेहा को एक जाम पिला दिया। और नेहा का कुरता उतार दिया।
नेहा के बूब्स इतने बड़े और शानदार थे मैं उन्हें देखता ही रह गया। रीटा ने ब्रा के ऊपर से बूब को पकड़ा और बोली
रीटा : तेरे साइज़ क्या है ? 36 b है न।
नेहा : हाँ।
फिर नेहा ने मुझे बोला क्या देख रहा है ऐसे?
रीटा : शानदार बूब्स, और क्या?
मैं सकपका गया और वो दोनों हसने लगी। नेहा को देख कर मैं समझ गया की अब इस पर नशा हो गया है और ये भी मजा ले रही है।
फिर गेम शुरू हुआ और इस बार फिर रीटा जीती।
उसने मुझे बोला चल मेरे राजा नंगा हो जा। मेने अपनी शर्ट उतार दी, मेने बनियान नहीं पहनी थी।
नेहा : ये तो जल्दी ही नंगा हो जायेगा। फिर दोनों हसने लगी।
फिर मैं जीता मेने फिर से रीटा को बोला मेरी जान उतार कपडे
रीटा खड़ी हुई और अपना लोअर उतार दिया। उसने फूल के प्रिंट वाली पेंटी पहनी थी जो इतनी तंग थी की उसकी चूत के फूल उभर रहे थे।
वो फिर से बैठ गई और फिर चाल हुई इस बार मैं जीता फिर से।
मेने नेहा को देखा और हवा में चुम्मा लेते हुए कहा मेरी छमिया उतार कपडे।
नेहा खड़ी हुई और अपनी सलवार उतार दी।
उसने नार्मल सी नीले रंग की रूपा की पेंटी पहनी थी। वो झट से बैठ गई।
नेहा : अब इस (मुझे देखते हुए) को तो मैं अपने हाथो से नंगा करुगी।
रीटा : क्या आईडिया है? और नेहा को गालो पे चूम लिया फिर नेहा ने भी रीटा के गालो को।
रीटा : अब जो जीतेगा वो हारने वाले के कपडे उतारेगा पर हारने वाले की मर्जी का कपडा।
फिर गेम शुरू हुआ जिसे मैं हार गया और रीटा जीत गई।
रीता मेरे पास आई और बोली : खड़ा हो।
मैं खड़ा हो गया और उसने मेरा लोअर उतार दिया और नेहा को बोली : ये तो पहले से ही खड़ा है, मैं बिना बात के खड़ा होने को बोल रही थी।
यह कह कर मेरा लंड बॉक्सर के ऊपर से पकड़ लिया। मेने नेहा की तरफ देखा वो भी मेरे उभार को बॉक्सर के ऊपर से घूर कर लंड का नाप ले रही थी।
फिर गेम शुरू हुआ और मेने ध्यान दिया कि नेहा का ध्यान मेरे बॉक्सर पर ही है।
इसके कारण नेहा हार गई और रीटा फिर जीत गई।
रीटा ने नेहा के बालो का जुडा बनाया और उसके बूब्स को दबाने और सहलाने लग गई। नेहा भी आंख बंद करके मजा लेने लगी और मेरा हाथ अपने आप ही बॉक्सर में चला गया। रीटा ने नेहा का ब्रा खोल दिया और सहलाने लगी। फिर रीटा बोली : नेहा एक बार इस कमीने को भी छू लेने दे देख मुठ मार रहा है।
यह सुनकर मुझे और नेहा को झटका लगा और दोनों नींद से जागे। नेहा बोली : नहीं।
रीटा : देख सिर्फ एक बार छू लेने दे ये ऐसे चुसेगा नहीं। और नेहा के लेफ्ट बूब को चूसने लगी।
नेहा जोर जोर से सिसकारी लेने लगी और रीटा ने मुझे बुलाया, मैं उठ कर नेहा के पास गया और नेहा की आँखों में देखने लगा।
नेहा मुझे देख रही थी और सिसकारी ले रही थी, उसने कुछ भी रियेक्ट नहीं किया।
तभी रीटा ने मेरा हाथ पकड़ कर नेहा के राईट बूब पर रख दिया। मेने भी बिना मौका गवाए उसके बूब को मसल दिया जिससे नेहा की चीख निकली वो बोली आराम से। फिर मैं धीरे धीरे करने लगा। अब एक साइड रीटा और दूसरी साइड मैं, दोनों नेहा के बूब्स से खेल रहे थे। तभी रीटा ने नेहा का बूब छोड़ दिया जिससे नेहा की सिसकारी बंद हो गयी और वो कुछ संभली और मुझे दूर कर दिया।
नेहा : चलो गेम खेलो।
फिर नेहा जीत गयी और वो बोली मेरे जानू तू तो गया। उसके मुह से जानू सुनकर मैं और रीटा खुश थे कि हमारा प्लान काम कर गया।
नेहा ने मेरा बॉक्सर उतारा और लंड से खेलने लग गयी।
रीटा : नेहा चूस ले नेहा।
नेहा ने सर हिलाकर मना किया और मेरे सुपाडे पे चूमा दिया और जा कर अपनी जगह पे बैठ गई।
अगली बाज़ी सिर्फ नेहा और रीटा के बीच थी। इसमें नेहा जीती।
नेहा ने रीटा की ब्रा उतारी और उसके बूब्स को पकड़ा फिर छोड़ दिया।
रीटा : क्या हुआ?
नेहा : चल गेम खेल।
रीटा मुझे देख कर ) तू तो ले ले मजे ये तो गांडू है।
मैं गया और उसके बूब्स को बारी बारी चूसने लगा। रीता पहले तो मेरे बाल सहला रही थी फिर जैसे ही उसने मेरे लंड को पकड़ा।
नेहा : बंद करो ये सब और गेम आगे खेलो।
नेहा की बात सुन कर मैं ये समझ गया उसको मजा तो आ रहा है पर वो हिम्मत नहीं कर पा रही है।
फिर गेम शुरू हुआ अब दोनों में से एक को नंगी होना था।
इस गेम में नेहा हार गई और रीटा ने उसे नंगा कर दिया और लेटा दिया।
रीटा ने नेहा की टाँगे फैला कर उसकी चूत में ऊँगली दाल दी। नेहा की हालत बुरी थी और उससे ज्यादा मेरी ये सब देख कर।
नेहा की आँखे बंद थी और वो मुह से आअहओअअह आवाजे निकाल रही थी। रीटा ने मुझे बुलाया और मैं नेहा की चुद को चूसने लगा।
जैसे ही मेने जीभ लगाईं नेहा ने झटके से मुझे दूर कर दिया। ये सब गलत है और उठ कर बाथरूम में चली गयी।
रीटा : अपना ये प्लान तो चौपट हो गया।
मैं : नहीं मेरी जान, उसने गेम बंद करने को नहीं कहा ना उसने तुझे कुछ करने से रोका। वो भाई बहन की वजह से ये कर रही है।
रीटा : फिर क्या करे?
मेने रीटा को एक लम्बा किस किया और उसे मेरी आगे की योजना बता दी।
2 मिनट बाद नेहा बाथरूम से बाहर आ गई। हम दोनों अपनी जगह पर थे।
रीटा : नेहा आजा आखरी चाल है, अगर मैं हारी तो एक और होगी।
नेहा : अगर हम दोनों में से कोई हार गया तो?
रीटा : जो हारा वो गुलामी करेगा।
नेहा : मतलब?
रीटा : वो कल 11 बजे तक नंगा ही रहेगा और जीतने वाले की हर बात मानेगा।
मैं : नंगा सिर्फ एक क्यों? कपडे तो सब हार गए है और तीनो एक दुसरे को नंगा भी देख चुके है इसलिए सभी नंगे रहेगे।
रीटा : मैं अभी पूरी नंगी नहीं हुई हु फिर भी तेरी बात सही है।
गेम फिर से शुरू हुआ और अबकी बार रीटा हार गयी और नेहा जीत गई।
नेहा ने रीटा की पेंटी उतार दी और बोली : ले हो गयी नंगी, बड़ी बाते बना रही थी।
नेहा : अरे तेरी झांटे नहीं है क्या?
रीटा : आज ही साफ़ की है मेरी जान मुझे तेरी तरह जंगल पसंद नहीं।
नेहा : जंगल किधर है सिर्फ मैं पूरे साफ़ नहीं करती।
रीटा : क्यों ?
नेहा : कटने का डर लगता है इसलिए।
मैं गेम शुरू करे। वो दोनों अपनी जगह पे बैठ गयी।
इस बार जैसा मैं चाहता था रीटा जीती और मैं हार गया।
अब सब कुछ मेरे हिसाब से हो रहा था।
रीटा – अब तू मुझे मेमसाब बोलेगा और झुक के सलाम करेगा।
मेने जैसा उसने कहा वैसे ही किया।
नेहा – मुझे प्यास लगी है पानी ले कर आ।
मैं – खुद ले ले मैं तेरा नौकर नहीं हु।
नेहा – ये क्या बात हुई ये (वो कुछ बोलती उससे पहले रीटा ने बोला)
रीटा – मेहमान से ऐसे नहीं पेश आते जा पानी ले आ।
मेने पानी ला दिया।
नेहा – देखा बच्चू हमारी बात मनानी पड़ी ना।
मैं – रहने दे मेने जो किया वो मेमसाब का हुकुम था तेरा नहीं।
नेहा का मुह उतर गया और वो नाराज हो गई
मैं- मैं तेरे लिए कुछ भी नहीं करने वाला।
रीटा – बहुत बोलता है साले? अब तू नेहा के पैर दबाएगा और वो भी कंधे पर रख कर।
नेहा – हाँ बड़ा दर्द हो रहा था इतनी देर से बैठी हुई थी ना।
मैं जमीन पर बैठ गया और उसका राईट साइड का पैर अपने लेफ्ट कंधे पर रख लिया। ऐसा करने से वो अधलेटी सी हो गई और उसकी एक टांग मेरे कंधे पर और दूसरी सोफे से नीचे लटकी हुई थी। जिससे उसकी चूत खुल गई और बिलकुल मेरी आँखों के सामने आ गई, वो बिन चुदी चूत जिसपे हल्के हल्के भूरे से छोटे छोटे बाल थे और उसमे से निकलता रस उसकी चूत को सुन्दर और मेरे लंड को उतावला किये जा रहा था।
मैं जीभ निकाल के अपने सूखे हुए होठो को गीला करने की कोशिश कर रहा था।
नेहा – वाह मजा आ गया। तुझे बड़ा अच्छा दबाना आता है।
रीटा – जरा ऊपर तक दबा क्या घुटने तक दबा रहा है।
ये सुन कर नेहा ने आँखे खोली और मुझे देखा, मैं अभी भी जीभ फिरा रहा था और उसने अपनी हालत देखी। उसको समझ आ गया ये सब मैं उसकी चूत देखकर कर रहा हु।
नेहा – रहने दे
रीटा – क्यों क्या हुआ
नेहा – ऐसे में कमर में दर्द होने लगा है? ( उसने बहाना मारा)
रीटा- कोई ना इसका भी इलाज है मेरे पास।
नेहा – क्या ?
रीटा – सेवक तू जा और मेरे बेड के पास जो कालीन बिछ रहा है वो लाकर इधर बिछा दे।
मेने रीटा के आदेश की पालना करी
रीटा – अब रसोई में जा कर एक कटोरी में सरसों का तेल ले आ। मैं वो ले आया।
रीटा – नेहा तू लेट जा पेट के बल। यह कहते हुए रीटा कड़ी हो गई जिससे नेहा ने सोचा रीटा उसकी मालिश करेगी।
नेहा उलटी लेट गई और रीटा ने मुझे इशारा किया।
मेने नेहा की पीठ पर तेल डाला और उसकी पीठ पर जैसे ही हाथ रखे उसके पूरे बदन में कंपकपी छुट गई (मैं समझ गया वो सही में कुंवारी है )
अब मेने उसकी पीठ पर मालिश शुरू कर दी नेहा आँखे बंद कर के लेती हुई थी।
नेहा – वाह मजा आ गया क्या बात है
रीटा : जान अभी तो मजा आना बाकि है
नेहा : हाँ अभी तो गुलामी के कई घंटे बाकि है।
मैं चुपचाप उसकी मालिश कर रहा था। मेने अपने हाथ धीरे धीरे निचे की तरफ ले जाने शुरू किये और अपने हाथ उसकी मस्त गदराई हुई गांड तक ले गया। नेहा के पुरे बदन में सुरसुरी छुट गई।
नेहा : पहले ऊपर की तरफ तो सही से कर फिर निचे जाना।
मेने भी यही सही समझा और उसके हाथ की मालिश करने लगा। अभी तक उसके हाथ उसके बदन से चुपके हुए थे पर जैसे ही मेने उसके हाथ को पकड़ के मालिश करने के लिए उठाया तो उसके बोबे के दर्शन हुए जो दबा हुआ था और साइड से बहार निकल रहा था। मैं उसके बोबे को देखता ही रह गया। मेरे हाथ उसके हाथ पर चल रहे थे और नजर बोबे पे थी। रीटा की नजर उसकी बगल पे पड़ी और वो नेहा से पूछने लगी।
रीटा : नेहा तेरी बगल बिलकुल साफ है इधर बाल नहीं आते क्या?
नेहा : यार आज ही पुरे बदन की सफाई की है।
रीटा : तो फिर चूत पे से क्यों साफ नहीं किये।
नेहा : वो अभी छोटे ही थे न इसलिए .
उनकी ये बाते सुनकर मुझे ये यकीन हो गया मेरा प्लान काम कर रहा है और नेहा भी खुल के बात कर रही और मेरे होने का अहसास नहीं रहा उसे अब।
मेने अब उसके दूसरी तरफ गया और उसके दुसरे हाथ की मालिश करने लगा। रीटा बिलकुल मेरे बगल में थी। उसने मुझे एक छोटा सा लिप किस दिया और फिर खड़ी हो गई। मुझे लगा वो कुछ लेने जा रही होगी पर उसने अपना एक बोबा मेरे मुह में दे दिया। मैं उसका बोबा चूस रहा था और नेहा की मालिश कर रहा था। थोड़ी देर बाद मेने अपने मुह से बोबा निकाल दिया और नेहा की और देखा वो अभी भी आंखे बंद कर के मालिश मजे ले रही थी। मैं अब उसकी पीठ पर आ गया मेरे पूरा वजन अपने घुटनों पर था और दोनों घुटने नेहा की कमर के दोनों तरफ थे। अब मैं नेहा की साइड पे मालिश करने लगा और उसके बोबो को साइड से मसलने लगा इससे नेहा गरम होने लगी और सिस्कारिया लेने लगी।
नेहा : अह्ह्ह उह्ह्ह आह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ
ये सब सुन कर मेरी रंडी रीटा की चूत कुलबुला उठी और वो मेरे सामने की तरफ कड़ी हो गई उसकी भी दोनों टाँगे नेहा के दोनों तरफ थी पर उसकी चूत बिलकुल मेरे मुह के पास थी जिसमे से निकलता हुआ पानी की गंध मुझे पागल कर रही थी रीटा ने अपनी चूत मेरे मुह से छू दी और मेने भी जीभ निकाल के चाटनी शुरू कर दी। अब मेरे हाथ नेहा के बूब्स से खेल रहे थे और जीभ रीटा की चूत से, मैं सातवे आसमान पे था। दो मिनट ऐसे ही चला की रीटा ने मेरे सर पकड के चूत में दबा दिया मैं समझ गया वो झरने वाली है मेने मुह खोलकर उसका पूरा पानी पी लिया। रीटा संतुष्ट हो कर हट गई और सोफे पे बैठ गई। मेरे लंड का बहुत बुरा हाल था ऐसा लग रहा था की वो फट ही जायेगा। अब मेने ज्यादा देर करना सही नहीं समझा और निचे की तरफ गया। पहले उसकी टांगो पे हाथ फेरा और फिर उसकी गांड पे आ गया। मेरे हाथ नेहा की मस्त गदराई गांड को मसल रहे थे पर मेने अभी तक कुछ नहीं किया था। फिर मेने दो ऊँगली ले कर दरार में फिरने लगा। नेहा की सिस्कारिया फिर शुरू हो गई मेने ये ध्यान रखा की कही उसकी गांड के छेड़ में ऊँगली न चली जाये वर्ना जैसा हाल रीटा के समय हुआ था वही हो जायेगा। नेहा ने अपनी टाँगे खोल दी और मेने अपनी ऊँगली उसकी चूत तक पंहुचा दी। मेरी ऊँगली के छुते ही नेहा जैसे नींद से जागी। वो बोली बस और नहीं।
रीटा : चल आगे की रह गई घूम जा अब आगे की मालिश करवाले।
मैं नेहा के दूर हट गया था। नेहा घुमि और सीधे लेट गई, उसकी कसी हुई चूत और उसके बूब्स के खड़े निप्पल ये बता रहे थे की वो कितनी ज्यादा चुदाई चाहती है। मैं तो बस उसके बदन को निहार रहा था रीटा ने मुझे छेड़ा।
रीटा : ओ लोडू क्या उधर खड़ा होकर घूर रहा है।
नेहा जोर से हसने लगी और मैं झेप गया।
रीटा : चल मालिश शुरू कर बे लोडू।
नेहा : नहीं मैं इससे नहीं करवा मालिश
रीटा : ओ महारानी अभी तक भी तो कामुक कामुक सिस्कारिया ले कर करवा रही थी ना।
नेहा : तो क्या ये मेरी कर रहा था।
रीटा : हाँ अब नाटक मत कर और करवा ले समझी।
नेहा ने कुछ नहीं बोला और मैं आगे बड़ा। मैं नेहा के सर पे आ कर बैठ गया और उसके पेट की मसाज करने लगा। मेरा लंड उसके गालो और मुह पे दस्तक दे रहा था अभी इसकी जगह रीटा होती तो खा ही जाती और नेहा अपना मुह बचा रही थी। मेने उसके पेट पर गुदगुदी की जिससे उसका मुह खुल गया और मेरा लंड उसके मुह में था। रीटा ने ये देख कर ताली बजानी शुरू कर दी पर नेहा ने कोशिश करके लंड मुह से बाहर निकल दिया।
नेहा : सॉरी गलती से हो गया।
मैं : सॉरी मेरी गलती है।
मैं अब खड़ा हुआ और रीटा को इशारे से जाने के लिए बोल दिया। रीटा उठ कर बाथरूम में चली गयी और मैं नेहा की टांगो के बीच में बैठ गया। नेहा की दोनों टांगो को अपने एक एक कंधे पर रख लिया जिससे उसकी गांड मेरी जांघ पे आ गई और लंड चूत में बस इतनी ही दूरी थी की मुझे हल्का सा आगे होना था और दोनों का मिलन था। मेने नेहा की जांघो की मालिश करते वक़्त अपना हाथ इस तरह से फिराया की मेरा हाथ उसकी चूत के पास से गुजर रहा पर उसे छु नहीं रहा था ऐसे करने से उसकी चूत में चीटिया रेगने लगी और वो खुद पर काबू नहीं कर पा रही थी।
नेहा : थोडाआआ सआया आआगे काआअर
मैं : क्या बोला ( मैं उसकी बात समझ गया था पर मैं उसकी शर्म ख़त्म करना चाहता था )
नेहा : ऊपर कर ऊपर
मैं : ठीक है।।।।।
मेने अपने हाथ अब नेहा के पेट पर रख दिए और झुक कर हाथो को उसके बूब्स पे निचे से ऊपर फिरने लगा। नेहा की चूत में आग लगी थी लंड की आग और उसमे घी जा रहा था, मेरा लंड बिलकुल उसकी छुट के ऊपर था और जैसे ही मैं अपने हाथ ऊपर निचे कर रहा था मेरा लंड उसकी चूत पे रगड़ खा रहा था जिससे नेहा की हालत ख़राब हो रही थी।
नेहा अब कुछ न कुछ बडबडा रही थी जो उसके मुह से भी बहार नहीं आ रहा था बस अज्जेब सी आवाजे आ रही थी और वो अपनी गांड को उठा कर पटक रही थी जैसे वो चुदाई मैं मेरा साथ दे रही हो। मुझे पता था की अब वो किसी भी वक़्त चुदने के लिए खुद बोल देगी। सो मैं उसी तरह चालू रहा और मैं सही था।
नेहा : अब रहा नहीं जा रहा चोद दे मुझे। फाड़ दे मेरी चूत भोसदा बना दे इसका।
ये सब सुनकर रीटा बाथरूम से बहार आने लगी मेने उसे इशारे से रुकने के लिए बोला।
अब मैं नेहा के ऊपर लेटा हुआ था और हम दोनों एक दुसरे को चूम रहे थे, चूम क्या रहे थे एक दुसरे के होठो को चबा रहे थे। ये वही नेहा थी जो अभी तक कुवारी है इस पर विश्वास करना मुश्किल था। इसलिए कहते हैं ना सेक्स की आग में इन्सान कुछ भी कर सकता है।
मेने नेहा की जीभ लो अपने होठो से चुसना शुरू कर दिया। नेहा भी मेरा साथ देने लगी और वो भी मेरी जीभ चूसने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे लंड ने एक झटका खाया और वो सीधा नेहा की चूत से टकराया, जिससे नेहा के मुह से एक जोर से चीख निकली आहाआह्ह्ह्ह्ह और उसकी गांड भी उछली जो ये बता रही थी कि वो कितनी चुदासी हो गई है। मेने भी जोश में आकर जैसे ही लंड को उसकी चूत पर हाथ से पकड़ कर सेट किया ……..
रीटा : मादरचोद पहले चूस कर गीली कौन तेरा बाप करेगा।
मैं और नेहा दोनों जैसे नींद से जागे।
नेहा : प्लीज अभी मत रोक मुझे चुद लेने दे निचे आग लगी हुई है।
रीटा : रांड अभी जब घुसेगा ना तो चीखेगी तेरे भले के लिए ही बोल रही हु। तू इसकी चूत चाट …. नयी चूत मिलते ही मुझे भूल गया।
मैं : नहीं जानू, ऐसे ना बोल। ये कहकर मेने उसे पास में खीचा और उसकी चूत पर किस कर दिया।
रीटा : चल काम कर इसे चोद कर औरत बना दे।
मेने नेहा को फिर से लेटा दिया और उसकी टाँगे खोल दी। फिर मेने घोड़ी बन कर उसकी चूत चटनी शुरू कर दी। मेने अपनी जीभ को उसकी चूत के ऊपर फेरा तो उसके छोटे -2 बालो से जीभ पर अजीब सी गुदगुदी हुई और नेहा तो पूरी तरह झनझना गई। फिर मेने जीभ को चूत के छेद में डाल दिया और उसकी भंगिमा पर जीभ घुमाई नेहा ने हाथो से मेरा सर नीचे दबा दिया और गांड को ऊपर की ओर झटका दिया जिससे मेरी जीभ उसकी चूत में चली गई। मैं नेहा की चूत का रसपान कर रहा था तभी रीटा ने पीछे से मेरी टांगो के बीच में आकर पीठ के बल लेट गई और अपनी जीभ से मेरी गांड चाटती हुई ऊपर की और आते हुए मेरे आंड अपने मुह में ले लिए और जोर से चूसा जिसके वजह से मेने नेहा की चूत की भंगिमा पर हल्का सा दांत गडा दिया ऐसा करते ही नेहा के मुह से जोर दार चीख निकली : आअह्ह्ह्ह्ह्हाह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही चूस ले मुझे आह्ह्ह्ह्ह
मेने अपने हाथ उसके बूब्स पर लेजाकर उसके निप्पल से खेलने लगा और इधर रीटा ने मेरा लंड मुह में ले लिया और चूसने लगी और उसका एक हाथ मेरी गांड पर फिर रहा था और दुसरे से वो चूत में उंगली कर रही थी। पुरे हाल में एक मादक खुशबु फ़ैल गई थी। सबसे पहले नेहा स्खलित हुई और उसने पानी छोड़ा जिसे मैं पी गया और फिर मैं भी ज्यादा टिक नहीं पाया और रीटा के मुह को वीर्य से भर दिया। मैं उठा और रीटा की चूत में उंगली डालने लगा।
रीटा : तू इसको चोद दे फिर मुझे चोद लेना।
यह कहते हुए रीटा खड़ी हो गई, नेहा वैसे ही आँखे बंद करके लेटी हुई थी।
मैं उसके ऊपर लेटने लगा तो रीटा ने रोक दिया बोली : अभी कुंवारी है मैं इसे आगे से संभालती हु तू पीछे से, मैं उसकी बात समझ गया और उसकी टांगो में बैठ गया और उसकी टांगो को अपने कंधे पे रख कर पोजीशन में आ गया। नेहा ने आँखे खोल ली और वो मुझे ललचाई नज़रो से देख रही थी कि प्लीज मुझे रगड़ दे। रीटा उसके बूब्स के ऊपर दोनों तरफ टाँगे करके बैठ गई और उसके मुह को अपने मुह में भर लिया। मेने मौका देख कर अपने लंड पे तेल लगाया और थोडा सा तेल नेहा की चूत पे डाल दिया फिर अपना लंड लेकर उसकी चूत में घुसाने लगा। जैसे ही मेरा सुपाडा उसकी चूत पे छुआ नेहा ने गांड हलकी सी उठाई की चोद दे मुझे अब रहा नहीं जाता मेने बिना देर किये एक झटका मारा तो मेरा सुपाडा उसकी चूत में घुस गया। नेहा तड़प उठी पर वो हिल नहीं पा रही थी वो पूरी तरह से हम दोनों के कब्जे में थी। मेने 5-7 सेकेंड के बाद फिर एक जोर का झटका दिया जिससे मेरा लंड आधे से ज्यादा घुस गया था। नेहा की हालत बुरी थी वो बुरी तरह से छटपटा रही थी पर वो हिल नहीं पा रही थी, अगर रीटा नहीं होती तो शायद मैं उसे संभल नहीं पाता। नेहा की आँख से आंसू आ रहे थे उसके थोडा सा सँभालते ही मेने फिर से झटका मार के अपने लंड को उसकी चूत में पूरा उतार दिया। नेहा इतनी जोर से चीखी थी की रीटा के मुह से बंद होने के बाद भी आवाज बहार आ गई मैं उसी पोजीशन में रुक गया रीटा ने भी उसका मुह छोड़ दिया।
नेहा : आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकाल इसको बहार मैं मर जाउंगी आह्ह्ह ….. प्लीज …. मुझे नहीं चुदना आह्ह्ह्ह्ह्ह
रीटा : जान अब दर्द ख़त्म और मजे शुरू …. जवानी के मजे लूट …….
रीटा उसके बूब्स को सहलाने लगी और उसके होठ चूमने लगी जीभ चूसने लगी, मैं भी उसकी गांड पर हाथ फिराने लगा थोड़ी देर में नेहा की गांड ने झटका देकर कार्यक्रम आगे बढाया मेने हलके -2 झटके मारने शुरू कर दिए तो नेहा की गांड भी उचक -2 कर साथ देने लगी उधर रीटा अभी भी उसके बूब्स को सहलाने रही थी और उसके होठ चूम रही थी उसकी पीठ मेरी तरफ थी वो नेहा के ऊपर कुछ ऐसे झुकी हुई थी की उसकी गांड हवा में उठ गई मेने भी झुक कर उसकी गांड चाटनी शुरू करदी इस हमले से वो सिहर उठी पर फिर गांड हिला कर साथ देने लगी।
क्या मादक नजारा था मैं नेहा की कमसिन चूत में लंड और रीटा की गांड में जीभ घुसा रहा था और वो दोनों लेस्बियन कर रही थी। 5 मिनट में मैं झड़ने को हुआ तो मेने रीटा को पीछे खीच लिया और वो मेरे सीने पे पीठ टिका कर अपनी बाहे मेरे गले में डाल कर मुझे किस करने लगी और मैं उसके बूब्स को मसलने लगा उधर नेहा जोर जोर से सिस्कारिया ले रही थी आह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह रगड़ दे मुझे आह्ह्ह करके अपने हाथ से ही अपने बूब्स दबा रही थी। मैं जल्द ही चरम पे आ गया और मेने अपना खोलता हुआ लावा नेहा की चूत में छोड़ दिया। मैं झड चूका था और नेहा इस बीच 3 बार झड गयी थी।
मेने उठकर सोफे का टेक लिया और सुस्ताने लगा। तभी ………………………….
अभी मेरी जान मेरी सेक्सी रीटा बाकी है ………………………….
पर उसकी चुदाई ( जो की मेरे जीवन की सबसे मादक और यादगार चुदाई है ) कम से कम 5 रेप्स आने के बाद।।।।
Wahh mast story yr kash mujhe Ase mil Jaye bhn toh tujhe jrur invite krunga Teri SBB bhn ke sath